Greater Noida: दिल्ली के जिला बदर विशाल को संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने का मामला सामने आया है। विशाल ने आरोप लगाया कि डाढ़ा गांव के निवासी लक्की भाटी ने उसे गोली मारी है। हालांकि, पुलिस की जांच में मामला कुछ और ही निकलकर सामने आया है। पुलिस ने गहराई से जांच की तो कई संदिग्ध बातें उजागर हुईं, जिससे पूरी घटना की दिशा बदल गई है।
दोस्तों ने दिया साथ, पुलिस को किया गुमराह
गुरुवार सुबह पुलिस को सूचना मिली कि विशाल को कासना कोतवाली क्षेत्र के डाढ़ा गोलचक्कर के पास गोली मारी गई है। विशाल ने लक्की भाटी का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि वही हमलावर है। इस आरोप की पुष्टि करने के लिए विशाल के दोस्तों, ऋषभ और वंश ने भी बयान दिए। लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, पुलिस को इस मामले में कई खामियां नजर आने लगीं।
जांच में सामने आया सच
पुलिस ने जब मामले की गहराई से जांच की तो पाया कि जिस समय विशाल पर गोली चली, उस वक्त लक्की अजायबपुर के एक नशा मुक्ति केंद्र में था। पुलिस ने वहां की सीसीटीवी फुटेज भी अपने कब्जे में ले ली है, जिससे साफ हो गया कि लक्की का इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं, पुलिस को यह भी पता चला कि विशाल और उसके दोस्तों ने घटना के समय कई बार अपने स्थान बदले, जिससे मामला और संदिग्ध हो गया।
दोस्तों का गायब होना बढ़ाता है संदेह
जैसे ही पुलिस ने ऋषभ और वंश से गहराई से पूछताछ शुरू की, दोनों ने अपने मोबाइल फोन बंद कर दिए और गायब हो गए। इससे यह साफ हो गया कि घटना के पीछे कुछ और सच्चाई छिपी हुई है और दोस्तों की गवाही संदेह के घेरे में आ गई।
डीसीपी का बयान
डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मियां खां ने बताया कि विशाल, लक्की, ऋषभ और वंश सभी दोस्त हैं और एक सप्ताह पहले इनके बीच शराब पीने के दौरान विवाद हुआ था। ऐसा लगता है कि उसी विवाद का बदला लेने के लिए विशाल ने लक्की पर झूठा आरोप लगाया है। पुलिस मामले की और गहराई से जांच कर रही है और फरार दोस्तों की तलाश में जुटी हुई है।
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पुलिस की जांच जारी
फिलहाल, पुलिस इस मामले में सभी पहलुओं पर जांच कर रही है और जल्द ही मामले से जुड़े अन्य लोगों को भी हिरासत में लेने की तैयारी कर रही है। मामले में आगे की कार्रवाई जांच के आधार पर की जाएगी।