Republic Day 2025: 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार (25 जनवरी 2025) को राष्ट्र के नाम संबोधन किया। इस अवसर पर उन्होंने देशवासियों को हार्दिक बधाई दी और भारत की उपलब्धियों, विकास और सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डाला।
संविधान के 75 वर्ष: ऐतिहासिक अवसर
राष्ट्रपति ने कहा, “आज से 75 वर्ष पहले, 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ था। यह दिन भारत के लिए ऐतिहासिक है, जब हमने एक गणराज्य के रूप में अपने लोकतांत्रिक मूल्यों को अपनाया।”
भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का जिक्र
उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का उल्लेख करते हुए कहा, “वे अग्रणी स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनकी भूमिका को राष्ट्रीय इतिहास में अब समुचित महत्व दिया जा रहा है। उनकी प्रेरणा हमें स्वाभिमान और सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ने का मार्ग दिखाती है।”
किसानों और मजदूरों का योगदान
राष्ट्रपति ने भारत के किसानों और मजदूरों के योगदान को सराहा। उन्होंने कहा, “हमारे किसान भाई-बहनों ने देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया। वहीं, मजदूरों ने इंफ्रास्ट्रक्चर और मैनुफैक्चरिंग सेक्टर का कायाकल्प किया। इनकी मेहनत के बल पर आज भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक परिदृश्य को प्रभावित कर रही है।”
तेज आर्थिक विकास दर
राष्ट्रपति ने भारत की आर्थिक विकास दर पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा, “हाल के वर्षों में हमारी विकास दर ऊंचाई पर रही है। इससे रोजगार के अवसर बढ़े, किसानों और मजदूरों को अधिक आय मिली और बड़ी संख्या में लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले।” उन्होंने भविष्य के लिए साहसिक आर्थिक सुधारों के बल पर प्रगति की गति बनाए रखने का विश्वास व्यक्त किया।
डिजिटल पेमेंट और पारदर्शिता
राष्ट्रपति ने डिजिटल भुगतान और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) की प्रशंसा करते हुए कहा, “इससे समावेशन को बढ़ावा मिला और बड़ी संख्या में लोग औपचारिक वित्तीय प्रणाली में शामिल हुए। इससे प्रणाली में अभूतपूर्व पारदर्शिता भी आई है।”
नई न्याय प्रणाली का क्रियान्वयन
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “Indian Penal Code, Criminal Procedure Code और Indian Evidence Act के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू करने का निर्णय उल्लेखनीय है। यह न्याय प्रणाली को आधुनिक और प्रभावी बनाएगा।”
सांस्कृतिक विरासत और महाकुंभ
प्रयागराज महाकुंभ का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “हमारी सांस्कृतिक विरासत के साथ जुड़ाव और गहरा हुआ है। प्रयागराज महाकुंभ हमारी समृद्ध परंपराओं की प्रभावी अभिव्यक्ति है।”
इसरो की उपलब्धियां
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की सफलता पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “इसरो ने हाल ही में स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इस क्षमता के साथ भारत विश्व का चौथा देश बन गया है। यह अंतरिक्ष विज्ञान में हमारी बढ़ती ताकत को दर्शाता है।”
देश की सुरक्षा बलों को बधाई
राष्ट्रपति ने देश की रक्षा करने वाले सैनिकों, पुलिस और अर्धसैनिक बलों को भी बधाई दी। उन्होंने न्यायपालिका, सिविल सेवाओं और विदेशों में भारतीय मिशनों के सदस्यों की भी सराहना की।
गणतंत्र दिवस की बधाई
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन का समापन गणतंत्र दिवस की बधाई के साथ किया। उन्होंने कहा, “मैं आप सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देती हूं। यह दिन हमें हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को संरक्षित रखने और उन्हें मजबूत बनाने की प्रेरणा देता है।”