UP News : उत्तर प्रदेश पुलिस में तैनात एक सिपाही पर गंभीर आरोप लगे हैं। मथुरा के जैंत थाने में तैनात सिपाही अनिल कुमार ने एक तलाकशुदा महिला को शादी का झांसा देकर संबंध बनाए और फिर मुकर गया। महिला द्वारा लगाए गए आरोपों में यह भी शामिल है कि इस पूरे षड्यंत्र में सिपाही की मां और उसका एक सहयोगी भी शामिल थे। पुलिस की शुरुआती अनदेखी के बाद अब आगरा जोन के पुलिस महानिरीक्षक के हस्तक्षेप से मामला दर्ज हो सका है।
थाना रामगढ़, फिरोजाबाद की रहने वाली पीड़िता ने बताया कि 2023 के नवंबर महीने में सिपाही अनिल कुमार की मां ऊषा देवी उसके घर आईं और विवाह का प्रस्ताव रखा। उन्होंने दावा किया कि उनका बेटा भी तलाकशुदा है और दोनों की शादी से जीवन बेहतर हो सकता है। महिला की मां ने बातचीत के लिए समय मांगा, लेकिन इसके बाद सिपाही अनिल और उसकी मां लगातार संपर्क में बने रहे।
12 दिसंबर 2023 को अनिल ने आगरा के अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व कार्यालय में कोर्ट मैरिज के लिए आवेदन किया। इस आवेदन में उसकी मां का शपथ पत्र भी संलग्न था। अनिल की मां ने विवाह के नाम पर युवती को अपने साथ ससुराल ले जाकर बहू के रूप में रख लिया। वहीं, रात में अनिल ने जबरन युवती से शारीरिक संबंध बनाए, जबकि युवती ने कोर्ट मैरिज के रजिस्ट्रेशन से पहले ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया था।
सिपाही ने तलाकशुदा महिला को बनाया शिकार
इसके बाद युवती (UP News) को पता चला कि अनिल अपनी पहली पत्नी संध्या के साथ अब भी मथुरा में सरकारी क्वार्टर में साथ रह रहा है। युवती ने इसका वीडियो साक्ष्य भी जुटा लिया। जब युवती ने कोर्ट मैरिज के रजिस्ट्रेशन की बात की तो सिपाही और उसकी मां ने उसे पीटा और घर से निकाल दिया। युवती के हाथ में चोटें भी आईं। इसके बाद अनिल कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया में उपस्थित नहीं हुआ, और आवेदन निरस्त हो गया।
युवती ने थाना रामगढ़ में कई बार शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। थक-हारकर उसने आगरा के आईजी से संपर्क किया, जिनके आदेश पर आखिरकार सिपाही अनिल कुमार, उसकी मां ऊषा देवी और सहयोगी सुरेश टेलर के खिलाफ केस दर्ज हो गया है। जांच में सामने आया है कि आरोपी सिपाही पहले भी चार अन्य युवतियों को शादी का झांसा देकर फंसा चुका है। पीड़िता का कहना है कि वह इस साजिश का पांचवां शिकार बनी।
मामला दर्ज होने के बाद अगली कार्रवाई की प्रतीक्षा
पुलिस सूत्रों (UP News) के अनुसार, केस दर्ज हो चुका है और अब आगे की जांच की जा रही है। युवती द्वारा दिए गए साक्ष्यों की पुष्टि की जा रही है, जिसमें वीडियो क्लिपिंग भी शामिल है। इस गंभीर प्रकरण ने न केवल उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दर्शाया है कि कैसे कुछ सरकारी अधिकारी अपनी वर्दी और पद का दुरुपयोग कर रहे हैं।
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