UP News : शहर में टोरंट पावर के उपभोक्ता इन दिनों एक नई परेशानी का सामना कर रहे हैं। कई लोगों को गुजरात की बिजली कंपनी ‘दक्षिण गुजरात विज कंपनी लिमिटेड (DGVCL)’ की ओर से मोबाइल पर बिजली बिल के मैसेज प्राप्त हो रहे हैं, जबकि आगरा में इस कंपनी की कोई मौजूदगी ही नहीं है। इससे लोगों में भ्रम के साथ-साथ साइबर ठगी का डर भी बढ़ गया है।
टोरंट उपभोक्ताओं को मिल रहे DGVCL के बिल
आगरा (UP News) में बिजली आपूर्ति का कार्य टोरंट पावर द्वारा किया जा रहा है। उपभोक्ताओं को नियमित रूप से टोरंट के नाम से बिल की हार्ड कॉपी और मोबाइल पर संदेश प्राप्त होते हैं। यदि किसी उपभोक्ता का दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) के साथ कोई पुराना बकाया हो, तो उसका उल्लेख भी टोरंट के बिल में ही किया जाता है।
लेकिन हाल के दिनों में, शहर के कई लोगों को DGVCL से 30 रुपये के बिल के मैसेज लगातार मिल रहे हैं, जिनमें ग्राहक संख्या और भुगतान की अंतिम तिथि तक दी जा रही है। जबकि DGVCL, गुजरात की एक कंपनी है और आगरा में उसका कोई दायरा नहीं है।
‘हिन्दुस्तान’ से बात करते हुए कई उपभोक्ताओं ने बताया कि हर महीने यह मैसेज आता है, जिससे वे काफी परेशान हैं। हालांकि यह राशि सिर्फ 30 रुपये दिखा रही है, लेकिन डर है कि कहीं लिंक पर क्लिक करते ही बैंक खातों से पैसे न उड़ जाएं। साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह चिंता वाजिब भी है।
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की सलाह
किसी अनजान नंबर या संदिग्ध कंपनी से आने वाले बिजली बिल संबंधी मैसेज पर कभी भी क्लिक न करें।
यदि मैसेज में कोई पेमेंट लिंक या फोन नंबर दिया गया हो, तो उसे नजरअंदाज करें।
किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि के लिए बिजली कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट या हेल्पलाइन नंबर का ही उपयोग करें।
यदि आपको मैसेज पर संदेह है, तो उसे तुरंत डिलीट करें और रिप्लाई न करें।
इस तरह के मामलों की सूचना स्थानीय साइबर सेल को भी दी जा सकती है।
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