Gurugram News : जहां एक ओर शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन जिले को जीरो ड्रॉप आउट बनाने का दावा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर 578 शिक्षा सहायकों को एक्सटेंशन न मिलने के कारण दर्जनों स्कूल बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। इसका परिणाम यह हो रहा है कि हर रोज़ करीब दो हजार से ज्यादा बच्चे बिना पढ़ाई के अपने घर लौट रहे हैं। इससे अभिभावक मायूस हैं और शिक्षा विभाग के दावों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
शिक्षा सहायकों का महत्व
साल 2021-22 में जिले की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सरकार द्वारा 600 से अधिक शिक्षा सहायकों की नियुक्ति की गई थी। इन सहायकों का कार्य था शिक्षकों की कमी को पूरा करना और बच्चों की पढ़ाई में मदद करना। लेकिन अब इन शिक्षा सहायकों का एक्सटेंशन रोक दिया गया है, जिससे बच्चों की पढ़ाई पर गहरा असर पड़ा है। कई स्कूलों में तो स्थिति यह है कि ये स्कूल पूरी तरह से शिक्षा सहायकों के भरोसे चल रहे थे, लेकिन अब उनके हटने से इन स्कूलों का संचालन करना मुश्किल हो गया है।
झिमरावट गांव के इल्लीबास प्राइमरी स्कूल की स्थिति
इस समस्या का जायजा लेने के लिए सुबह 9:00 बजे झिमरावट गांव के इल्लीबास प्राइमरी स्कूल का दौरा किया। यहां स्कूल में करीब 100 बच्चे मिले, जबकि इस स्कूल में 350 से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। स्कूल में कुल 4 अध्यापक थे, जिनमें से 3 शिक्षा सहायक और एक गेस्ट टीचर था। लेकिन शिक्षा सहायकों का एक्सटेंशन न बढ़ने के कारण तीनों शिक्षा सहायकों ने स्कूल आना बंद कर दिया, जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो गई है।
नांगल साबत के प्राइमरी स्कूल की हालत
नांगल (Gurugram) साबत के प्राइमरी स्कूल का भी दौरा किया। यहां 120 बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा 3 अध्यापकों पर था। लेकिन 31 मार्च के बाद दो शिक्षा सहायकों ने एक्सटेंशन न मिलने के कारण स्कूल आना बंद कर दिया। अब सिर्फ एक गेस्ट टीचर ही बच्चों को पढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन एक टीचर के लिए 120 बच्चों को पढ़ाना असंभव हो रहा है। नतीजतन, बच्चों की संख्या भी घट गई है और स्कूल का नियमित संचालन प्रभावित हो रहा है। पांचवीं कक्षा के छात्र शिवम, सौरभ, कृष्णा, परवाना और खुशनुमा ने बताया कि दो अध्यापकों के हटने से पढ़ाई में पूरी तरह से रुकावट आई है और आधे से ज्यादा बच्चे स्कूल आना बंद कर चुके हैं।
13 स्कूलों के बंद होने का खतरा
शिक्षा सहायकों के बिना कई गांवों में स्थित स्कूल अब बंद होने की कगार पर हैं। कुबड़ा बास, इल्लीबास, माली बास, घटवासन, लट्ठमार बास, कालू बास, मुंदरु बास, चंद्रु का बास, खोरी बास, सिरस बास, सुभाष कॉलोनी, दौलत बास और बंदरबास सहित दर्जनों गांवों के स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल रही थी, लेकिन अब ये सभी स्कूल बंद होने की कगार पर हैं।
जिला उपायुक्त को अवगत कराया गया
शिक्षा सहायकों के एक्सटेंशन को लेकर जिला उपायुक्त को अवगत कराया गया है और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही सभी शिक्षा सहायकों का एक्सटेंशन बढ़ा दिया जाएगा। (Gurugram) नगीना ब्लॉक में करीब 92 शिक्षा सहायक कार्यरत थे, जिनके हटने से बच्चों की पढ़ाई पर विपरीत असर पड़ा है।
शिक्षा विभाग के दावों की सच्चाई
यह स्थिति शिक्षा विभाग के जीरो ड्रॉप आउट के दावे पर गंभीर सवाल खड़ा करती है। (Gurugram) जबकि विभाग बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर को कम करने की कोशिश कर रहा है, वही दूसरी ओर आवश्यक शिक्षा सहायकों के बिना बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस समस्या का समाधान कब तक निकालता है और बच्चों की शिक्षा को कैसे फिर से पटरी पर लाया जाता है।