Delhi News : दिल्ली सरकार ने निजी स्कूलों द्वारा की जा रही फीस वृद्धि की मनमानी को रोकने के लिए 1,677 स्कूलों का ऑडिट कराने का फैसला किया है। यह ऑडिट हर जिले के एसडीएम के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम द्वारा किया जाएगा, जिसमें तहसीलदार और अकाउंट विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। यदि किसी स्कूल ने मनमानी फीस वृद्धि की तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा, दस दिन के भीतर स्कूलों की फीस बढ़ोतरी का ब्योरा शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया जाएगा। यदि कोई अभिभावक फीस वृद्धि से परेशान है, तो वे सीधे ईमेल के माध्यम से अपनी शिकायत शिक्षा निदेशालय तक पहुंचा सकते हैं।
पैरेन्ट्स को मिलेगा सहारा
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने निजी स्कूलों के ऑडिट के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जांच कमेटी में एसडीएम, तहसीलदार और अकाउंट विभाग के लोग शामिल होंगे। यदि किसी स्कूल ने फीस बढ़ाई है और वह उचित नहीं पाया जाता, तो अभिभावक सीधे ddeact1@gmail.com पर ईमेल करके शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इसके साथ ही, शिक्षा निदेशालय के दफ्तर में जाकर भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। शिकायतों की जांच उप शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में होगी।
पिछले दशक में हुई कम ऑडिटिंग
शिक्षा मंत्री ने बताया कि पिछली सरकार के कार्यकाल में दिल्ली (Delhi) के 1,677 निजी स्कूलों में से हर साल केवल 75 स्कूलों का ही ऑडिट हुआ। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 2004 में एक निजी स्कूल के केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने यह साफ किया था कि किसी भी निजी स्कूल को फीस बढ़ाने से पहले शिक्षा निदेशालय से मंजूरी लेना आवश्यक है। शिक्षा मंत्री ने पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और विधायक आतिशी द्वारा उठाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जिन स्कूलों ने 2024-25 तक फीस बढ़ाई है, उनके ऑडिट रिकॉर्ड मंगवाए गए हैं।
घपले के बावजूद फीस बढ़ी
आशीष सूद ने यह भी बताया कि द्वारका स्थित एक निजी स्कूल ने पिछले पांच सालों में 20, 13, 9, 8 और 7 प्रतिशत तक फीस बढ़ाई। यही नहीं, पिछली सरकार के शासनकाल में एक अन्य स्कूल ने 35 प्रतिशत फीस बढ़ाई थी और 2024-25 में 36 प्रतिशत तक फीस बढ़ाने की योजना बनाई थी। हैरानी की बात यह है कि एक निजी स्कूल, जिसने 15 करोड़ रुपये का घपला किया था, उसे भी 2022-23 में 15 प्रतिशत फीस बढ़ाने की अनुमति दी गई थी। इस स्कूल ने 2024-25 में भी 13 प्रतिशत फीस बढ़ाई, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।
Delhi में कुल 1677 निजी स्कूल
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि दिल्ली में कुल 1,677 निजी स्कूल हैं। इनमें से 335 स्कूल सरकारी जमीन पर बने हैं और 1973 के दिल्ली स्कूल एक्ट के तहत, इन स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले राज्य सरकार से अनुमति लेना आवश्यक है। वहीं, 114 स्कूल ऐसे हैं जिनके लिए फीस बढ़ाने के लिए किसी तरह की बाध्यता नहीं है।
स्कूलों के लेन-देन की होगी जांच
शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि जिस स्कूल का नाम पूर्व मंत्री आतिशी ले रही थीं, उस स्कूल में एक करोड़ 68 लाख रुपये का घपला पकड़ा गया था। इस स्कूल ने 2023-24 में 23.84 प्रतिशत और 2024-25 में 14.68 प्रतिशत फीस बढ़ाई। अब इन स्कूलों से जुड़ी लेन-देन की जांच भी की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दस साल का ऑडिट रिपोर्ट शिक्षा विभाग के पास नहीं था, क्योंकि किसी भी स्कूल ने दिल्ली शिक्षा निदेशालय के पास ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं किया था।
निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर बढ़ेगा ध्यान
दिल्ली (Delhi) सरकार ने यह कदम उठाकर निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर नियंत्रण लगाने की ठानी है। अब यह देखा जाएगा कि कितने स्कूल अपनी फीस वृद्धि को सही ठहरा पाते हैं और कितनी फीस वृद्धि अभिभावकों के लिए बोझ नहीं बनेगी। यह कदम दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
ये भी पढ़ें : Asaduddin Owaisi : वक्फ संशोधन बिल पास पर ओवैसी ने कहा- इसका मकसद मुसलमानों को जलील करना
ये भी देखें : Bihar Politics: नीतीश के करीबी गुलाम गौस और लालू की मुलाकात! चुनाव से पहले क्या है बड़ा खुलासा?