Asaduddin Owaisi : वक्फ संशोधन बिल 2024 को लोकसभा में 12 घंटे की चर्चा के बाद बहुमत से पास कर दिया गया। 288 सांसदों ने बिल के पक्ष में वोट किया, जबकि 232 सांसदों ने इसके खिलाफ वोट डाले।
चर्चा के दौरान, किरेन रिजिजू ने बताया कि इस संशोधन का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन को सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने 5 मार्च 2014 को 123 प्राइम वक्फ संपत्तियों को दिल्ली वक्फ बोर्ड को ट्रांसफर कर दिया था, जो चुनावी रणनीति का हिस्सा था। रिजिजू ने यह भी कहा कि अगर यह संशोधन बिल पेश नहीं किया गया होता, तो यहां तक कि संसद की इमारत पर भी वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा सकता था।
बिल का उद्देश्य मुसलमानों को अपमानित करना – ओवैसी
चर्चा के दौरान विपक्षी दलों ने इस बिल के खिलाफ तीव्र आपत्ति जताई। AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस बिल का उद्देश्य मुसलमानों को अपमानित करना है और उन्होंने इसे गांधी की तरह फाड़ने की धमकी दी। ओवैसी (Asaduddin Owaisi ) ने बिल को फाड़ते हुए संसद की कार्यवाही छोड़ दी। गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वक्फ में गैर-इस्लामिक हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा, और कोई ऐसा प्रावधान नहीं है। शाह ने यह भी कहा कि विपक्ष द्वारा किए जा रहे डराने-धमकाने के प्रयासों का जवाब देंगे और संसद के कानून को सभी को स्वीकार करना होगा।
इसके अतिरिक्त, भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन से जुड़े मुद्दों पर चिंता जताई और कहा कि भारत के लोग वक्फ के खौफ से आजादी चाहते हैं।
इस बिल के पारित होने के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने चेतावनी दी कि अगर यह बिल संसद में पास हुआ, तो वे देशभर में शांतिपूर्ण आंदोलन शुरू करेंगे। AIMPLB के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा, “अगर यह बिल पास हुआ तो हम इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन करेंगे।”