UP News: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए अपने जिलाध्यक्ष अमर किशोर कश्यप उर्फ बमबम को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। यह कार्रवाई सोशल मीडिया पर एक महिला के साथ उनका कथित आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने के बाद की गई, जिससे पार्टी की छवि पर सवाल खड़े हो गए थे।
वायरल वीडियो बना कार्रवाई की वजह
यह मामला तब सामने आया जब अमर किशोर कश्यप के दो वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगे। एक वीडियो में वे एक महिला को गले लगाते नजर आ रहे हैं। यह वीडियो कथित तौर पर 12 अप्रैल का है, हालांकि इसकी स्वतंत्र पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है।
पहले वीडियो में पार्टी कार्यालय के बाहर एक चारपहिया वाहन आता हुआ दिखता है, जिसमें से अमर किशोर कश्यप उतरते हैं। उसी वाहन से एक महिला भी बाहर आती है, जिसे कश्यप कार्यालय के अंदर जाने का इशारा करते हैं। दूसरे वीडियो क्लिप में वे सीढ़ियों के पास उस महिला को गले लगाते नजर आते हैं।
दी सफाई
वीडियो के वायरल होने के बाद अमर किशोर कश्यप ने सफाई देते हुए कहा कि संबंधित महिला पार्टी की सक्रिय सदस्य हैं और उन्हें चक्कर आने के कारण सहारा दिया गया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह वीडियो राजनीतिक दुर्भावना के तहत तोड़ा-मरोड़ा गया है। हालांकि, पार्टी नेतृत्व इस स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हुआ।
महिला ने दर्ज कराई एफआईआर
वीडियो में नजर आ रही महिला ने भी इस मामले को लेकर पुलिस से शिकायत की है। उन्होंने आरोप लगाया कि वीडियो के वायरल होने से उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। इसके आधार पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
पार्टी ने मांगा था जवाब
वीडियो सामने आने के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के निर्देश पर अमर किशोर कश्यप को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और सात दिनों के भीतर जवाब मांगा गया था। हालांकि, प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ल के अनुसार, जिलाध्यक्ष द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया गया।
अनुशासनहीनता के आरोप में निष्कासन
प्रदेश महामंत्री द्वारा जारी पत्र में कहा गया है, “आपका यह कृत्य घोर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। प्रदेश अध्यक्ष के निर्देशानुसार आपको तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है।”
यह घटना न सिर्फ भाजपा की UP गोंडा इकाई को झकझोरने वाली रही, बल्कि इससे पार्टी के संगठनात्मक अनुशासन और छवि को लेकर उसकी गंभीरता भी स्पष्ट हुई है। पार्टी के इस त्वरित निर्णय को राजनीतिक गलियारों में अनुशासन के प्रति कठोर रुख के रूप में देखा जा रहा है।
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