Pahalgam Terror Attack : 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाते हुए पाकिस्तान पर पांच कड़े फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का अपना आधिकारिक दौरा रद्द कर तुरंत दिल्ली लौटकर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में लिए गए निर्णयों से पाकिस्तान को कूटनीतिक, आर्थिक और सामरिक स्तर पर गहरी चोट पहुंचेगी।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस को संबोधित करते हुए बताया कि इन फैसलों का मकसद स्पष्ट है। सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने वाले पाकिस्तान पर सख्त दबाव बनाना। CCS की बैठक में पांच बड़े निर्णयों की घोषणा हुई है।
1. सिंधु जल संधि पर रोक
भारत ने 1960 में हुई सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का फैसला किया है। इस संधि के तहत पाकिस्तान को झेलम, चिनाब और सिंधु नदियों से 80% तक जल प्राप्त होता है, जो उसकी कृषि व्यवस्था की जीवनरेखा है। यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा जल कूटनीतिक कदम माना जा रहा है, जिसे विशेषज्ञ “पानी की सर्जिकल स्ट्राइक” कह रहे हैं। इसका सीधा असर पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में कृषि उत्पादन पर पड़ेगा।
2. अटारी-वाघा इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट बंद
भारत ने अटारी-वाघा सीमा स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट को भी बंद करने का निर्णय लिया है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच सीमित व्यापार का मुख्य केंद्र है। इसके बंद होने से विशेष रूप से कृषि और वस्त्र व्यापार प्रभावित होगा, जो पाकिस्तान की पहले से डांवाडोल अर्थव्यवस्था को और झटका देगा।
3. पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द
सभी पाकिस्तानी नागरिकों को एक मई तक भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। साथ ही SAARC वीज़ा छूट योजना (SVES) को भी तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। भारत में SVES वीजा पर रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटों के भीतर देश छोड़ना होगा। यह कदम भारत की आतंकवाद पर “जीरो टॉलरेंस” नीति को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
4. पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों को निष्कासित किया गया
नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को “पर्सोना नॉन ग्राटा” घोषित करते हुए एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। भारत ने अपने सैन्य सलाहकारों को भी इस्लामाबाद से वापस बुलाने का निर्णय लिया है। यह सैन्य कूटनीतिक संबंधों को न्यूनतम स्तर तक लाने का संकेत है।
5. उच्चायोगों में स्टाफ घटाया जाएगा
भारत और पाकिस्तान के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या घटाकर 55 से 30 कर दी जाएगी। यह प्रक्रिया 1 मई 2025 तक पूरी की जाएगी। यह निर्णय भी कूटनीतिक संबंधों को सीमित करने और पाकिस्तान पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है।
हमले की निंदा और संवेदना
CCS की बैठक (Pahalgam Terror Attack) में प्रधानमंत्री मोदी और वरिष्ठ मंत्रियों ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की मौत हुई थी, जबकि कई लोग घायल हुए थे।
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