Delhi News : हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली में व्यापारियों ने एकजुटता दिखाते हुए कड़ा संदेश दिया। सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए हिंदू, मुस्लिम, सिख समेत अन्य धर्मों के लोगों ने काली पट्टी बांधकर इस हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी।
शुक्रवार को राजधानी के करीब 900 बाजारों की लगभग 8 लाख से अधिक दुकानों पर ताले लटके रहे। इस बंद से अनुमानित 1500 करोड़ रुपये का व्यापार प्रभावित हुआ, लेकिन व्यापारियों ने स्पष्ट किया कि यह आर्थिक नुकसान उनके लिए चिंता का विषय नहीं है — उनके लिए इस बंद का मकसद आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाना था।
Delhi बंद में पूरी राजधानी ने लिया हिस्सा
सीआईटी (चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री) के आह्वान पर यह शांतिपूर्ण बंद आयोजित किया गया था। इस दौरान खान मार्केट, सदर बाजार, भागीरथ प्लेस, गांधी नगर, करोल बाग, नया बाजार, खारी बावली, चावड़ी बाजार, चांदनी चौक, दरियागंज, हौज काजी, मीना बाजार, मटिया महल, राजौरी गार्डन मार्बल एसोसिएशन, किराना समिति समेत तमाम प्रमुख बाजार बंद रखे गए।
कैंडल मार्च से गूंजा आतंक के खिलाफ आक्रोश
दिल्ली (Delhi) बंद केवल आर्थिक गतिविधियों को रोकने तक सीमित नहीं रहा। कई बाजारों में व्यापारियों ने मौन सभाएं, श्रद्धांजलि समारोह, कैंडल मार्च और राष्ट्रगान के माध्यम से अपनी भावनाएं प्रकट कीं। शांतिपूर्ण तरीकों से आतंकवाद के खिलाफ जनमत को प्रकट करते हुए उन्होंने सरकार से ठोस कार्रवाई की मांग भी की।
राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी पहलगाम हमले के खिलाफ कैंडल मार्च निकाला। “नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो” के नारे के साथ यह मार्च 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय से शुरू हुआ और महात्मा गांधी स्मृति (30 जनवरी मार्ग) तक पहुंचा, जहां शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए।
इस मार्च में कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन, महासचिव केसी वेणुगोपाल, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव, एआईसीसी प्रभारी काजी निजामुद्दीन, पूर्व सांसद कृष्णा तीरथ, संदीप दीक्षित समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं और हजारों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
सरकार पर निशाना
देवेंद्र यादव ने इस कायराना हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह हमला देश को धर्म के नाम पर बांटने की साजिश है, जिसे सफल नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने केंद्र सरकार की सुरक्षा विफलता पर सवाल उठाए और मांग की कि हमले की स्वतंत्र जांच करवाई जाए।
उन्होंने कहा कि जब जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश है और हजारों पर्यटक वहां जा रहे हैं, तब सुरक्षा और इंटेलिजेंस में चूक क्यों हुई? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा इस त्रासदी का राजनीतिक लाभ उठाकर समाज में ध्रुवीकरण फैलाने की कोशिश कर रही है, जबकि इस समय देश को एकता और सौहार्द की सबसे ज्यादा जरूरत है।
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