UP Mock Drill News: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर अपनी सतर्कता और मजबूत कर दी है। इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए कई उच्च स्तरीय बैठकें कीं, जिनके परिणामस्वरूप गृह मंत्रालय ने देशभर में व्यापक मॉक ड्रिल का निर्णय लिया है।
देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल
गृह मंत्रालय ने 7 मई को देशभर के 244 जिलों में मॉक ड्रिल करवाने का निर्देश दिया है। इसका उद्देश्य आतंकी हमलों या आकस्मिक स्थितियों से निपटने की तैयारियों को परखना और किसी भी प्रकार की खामियों की पहचान कर उन्हें समय रहते दूर करना है। मॉक ड्रिल में सिविल प्रशासन, पुलिस, अग्निशमन सेवा, और आपदा प्रतिक्रिया बल की समन्वित भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के 19 संवेदनशील जिले चिन्हित
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने जानकारी दी कि प्रदेश की संवेदनशीलता को देखते हुए 19 जिलों की पहचान की गई है, जिन्हें A, B और C कैटेगरी में बांटा गया है। भारत सरकार के निर्देश के अनुसार इन जिलों में भी मॉक ड्रिल करवाई जाएगी।
- A श्रेणी: बुलंदशहर जिले का नरोरा, जहां अटॉमिक पावर प्लांट स्थित है, को अति संवेदनशील मानते हुए A श्रेणी में रखा गया है।
- B श्रेणी: आगरा, प्रयागराज, बरेली, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, मथुरा, मुरादाबाद, सहारनपुर, वाराणसी, बक्शी का तालाब, पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर और सरवासा को शामिल किया गया है।
- C श्रेणी: बागपत और मुजफ्फरनगर जिलों को रखा गया है।
2010 के गृह मंत्रालय नोटिफिकेशन के आधार पर वर्गीकरण
गौरतलब है कि वर्ष 2010 में गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर देश के 244 सिविल डिफेंस जिलों को तीन श्रेणियों A, B, और C में वर्गीकृत किया था। इनमें से कुछ अत्यधिक संवेदनशील जिलों में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, सूरत, वडोदरा, कोटा, कलपक्कम, रावतभाटा, तारापुर, और नरोरा जैसे स्थान शामिल हैं, जहां या तो परमाणु ऊर्जा संयंत्र हैं या सामरिक दृष्टि से अत्यधिक महत्व के केंद्र।
इतिहास में दूसरी बार राष्ट्रीय स्तर पर मॉक ड्रिल
भारत (UP Mock Drill News) में इससे पहले राष्ट्रीय स्तर पर मॉक ड्रिल का आयोजन वर्ष 1971 में किया गया था, जब भारत-पाकिस्तान युद्ध के हालात बने थे। अब एक बार फिर आतंकवादी गतिविधियों के खतरे और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सरकार के आक्रामक रुख के तहत यह बड़ा कदम उठाया गया है।
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