उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार को हुई हिंसा के बाद स्थिति भले ही शांतिपूर्ण दिख रही हो, लेकिन इसके राजनीतिक प्रभावों ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। हिंसा के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, जिसमें समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी सामने आई है। सपा सांसद डिंपल यादव ने यूपी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि हिंसा के बाद पुलिस एफआईआर दर्ज करने के बहाने लोगों से वसूली कर रही है। उन्होंने कहा, यूपी पुलिस लोगों को परेशान करने और उन्हें बरगलाने का पूरा खाका तैयार कर रही है। पुलिस पहले एफआईआर लिखवाती है, फिर उनसे वसूली भी करती है। डिंपल यादव ने यह भी कहा कि यह सिर्फ संभल का मामला नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में ऐसा हो रहा है।
डिंपल यादव ने यूपी पुलिस पर लगाया गंभीर आरोप
डिंपल यादव ने इस हिंसा को सुनियोजित करार दिया और आरोप लगाया कि प्रशासन की भूमिका इसमें संदिग्ध रही है। उन्होंने कहा, “अगर आप पूरी घटनाक्रम को देखें, तो यह साफ नजर आता है कि यह सब कुछ सुनियोजित तरीके से किया गया। 19 तारीख को पिटिशन फाइल होती है, फिर उसी दिन सिटिंग जज ने सर्वे करने का आदेश दिया और महज 2 घंटे के भीतर प्रशासन सर्वे के लिए पहुंच गया।” उनके अनुसार, यह सब प्रशासन ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए किया है और हिंसा के लिए जिम्मेदार लोग प्रशासन के ही थे।
सपा सांसद ने आगे यह भी कहा कि लोकसभा में इस मुद्दे पर चर्चा की जाए, और स्पीकर से आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने यह मुद्दा उठाने की बात कही। डिंपल यादव ने दावा किया, हम चाहते हैं कि संभल की घटना पर संसद में चर्चा हो और हम पुलिस और प्रशासन के अमानवीय व्यवहार के बारे में बात करना चाहते हैं।
दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को सख्त सजा दिलाने का आश्वासन दिया। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, यह बेहद संवेदनशील मुद्दा है और इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। हम सभी से यही अपील करते हैं कि हिंसा की जांच चल रही है और जांच एजेंसियों को अपना काम पूरा करने दिया जाए।
डिंपल यादव ने किया दावा
बीजेपी ने यह भी कहा कि जो लोग इस हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा और कानून अपना काम करेगा। वहीं, डिंपल यादव ने सत्ता में बैठे लोगों पर निशाना साधते हुए कहा, “सत्ता में बैठे लोग इस देश को पीछे ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। वे नहीं चाहते कि युवाओं को रोजगार मिले और वे मुख्य मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ऐसी घटनाओं का सहारा ले रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का ध्यान जनता के असली मुद्दों से हटाकर ऐसे विवादों को बढ़ावा देना है।