UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को 31 अगस्त तक अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देने का निर्देश दिया था। लेकिन अभी तक केवल 74% कर्मचारियों ने ही अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया है। जिन लोगों ने अभी तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है, उनका वेतन रोक दिया गया है। हालांकि सरकार ने उन्हें ब्यौरा देने के लिए एक महीने का अतिरिक्त समय दिया है।
दरअसल, 17 अगस्त को यूपी में प्रशासन की ओर से एक आदेश जारी किया गया था। मुख्य सचिव की ओर से जारी निर्देश में सभी सरकारी कर्मचारियों को 31 अगस्त तक अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा जमा कराने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन 31 अगस्त की समयसीमा बीत जाने के बाद भी सिर्फ 74 फीसदी कर्मचारियों ने ही अपनी संपत्ति का ब्योरा उपलब्ध कराया है।
जिन लोगों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया
इसके बाद, जिन लोगों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया, उनका वेतन रोक दिया गया। इसके बाद सरकार ने संपत्ति का ब्यौरा जमा करने के लिए एक महीने का अतिरिक्त समय दिया। अब, जिन लोगों ने अभी तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा जमा नहीं किया है, उन्हें 30 सितंबर तक मानव संपदा पोर्टल पर सारी जानकारी देनी होगी। गौरतलब है कि राज्य सरकार में वर्तमान में 8,46,640 सरकारी कर्मचारी कार्यरत हैं।
शिक्षा विभाग के कर्मचारी संपत्ति छिपाने में सबसे आगे
इन कर्मचारियों में से केवल 6,02,075 कर्मचारियों ने ही अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा जमा कराया है। संपत्ति का ब्योरा देने में कपड़ा, सैनिक कल्याण, ऊर्जा, खेल, कृषि और महिला कल्याण विभाग के कर्मचारी सबसे आगे हैं। वहीं, शिक्षा विभाग के कर्मचारी अपनी संपत्ति छिपाने में सबसे आगे हैं। संपत्ति का ब्योरा जमा न कराने वालों का वेतन रोक दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि जिन कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है, उनमें शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकांश कर्मचारी शामिल हैं। इसके अलावा राजस्व विभाग के अधिकांश कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है।