Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आप विधायक दुर्गेश पाठक और अन्य से जुड़े शराब घोटाले से जुड़े मामले में सीबीआई द्वारा दायर पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लिया है। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कहा कि केजरीवाल और अन्य आरोपियों के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सबूत हैं, जिसके बाद उन्होंने आरोपियों को 11 सितंबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। साथ ही, उन्होंने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 11 सितंबर तक बढ़ा दी।
सीबीआई ने 30 जुलाई को अपना चौथा पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें केजरीवाल, पाठक, अमित अरोड़ा, विनोद चौहान, आशीष माथुर और पी. सरथ रेड्डी को मामले में आरोपी बनाया गया था।
गौरतलब है कि इस चौथे पूरक आरोप पत्र में सीबीआई ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अब रद्द कर दी गई दिल्ली शराब नीति 2021-22 के गठन और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में आरोपी के रूप में नामित किया है।
अपने आरोप पत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया कि केजरीवाल इस मामले में मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक थे और “दक्षिण समूह” के संपर्क में थे, जिसमें के. कविता, राघव मगुंटा, अरुण पिल्लई, बुची बाबू गोरंटला, पी. सरथ रेड्डी, अभिषेक बोइनपल्ली और बिनॉय बाबू शामिल थे।
रिश्वत का पैसा केजरीवाल के निर्देशानुसार हुआ खर्च
सीबीआई ने यह भी दावा किया कि रिश्वत का पैसा केजरीवाल के निर्देशानुसार खर्च किया गया था क्योंकि पूरी रकम आम आदमी पार्टी के कोष में भेजी गई थी। एजेंसी ने आगे कहा कि केजरीवाल ने गोवा के सभी 40 निर्वाचन क्षेत्रों में प्रत्येक उम्मीदवार को 90 लाख रुपये देने का वादा किया था। इस मामले में अगली सुनवाई 11 सितंबर को होनी है।
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इससे पहले, सीबीआई ने पिछले महीने अदालत को सूचित किया था कि उसने भ्रष्टाचार से संबंधित इस मामले में केजरीवाल और पाठक के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए आवश्यक मंजूरी प्राप्त कर ली है।
मार्च में केजरीवाल को किया गया था गिरफ्तार
अरविंद केजरीवाल को सबसे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। बाद में 26 जून को उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से सीबीआई ने हिरासत में लिया और उसके बाद 29 जून को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को ईडी मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी थी, हालांकि सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के कारण वे तिहाड़ जेल में बंद हैं। 20 जून को ट्रायल कोर्ट ने ईडी द्वारा दर्ज मामले में उन्हें जमानत दे दी थी, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने 25 जून को इस आदेश पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 10 मई को लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत भी दी थी। हालांकि, उन्होंने 2 जून को तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण कर दिया था।