UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के मद्देनज़र बजट में गांव, गरीब, किसान और महिलाओं के लिए कई योजनाओं की घोषणा कर राजनीतिक ज़मीन तैयार कर दी है। सरकार ने इन योजनाओं के ज़रिए व्यापक जनसमर्थन जुटाने की रणनीति बनाई है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के ज़रिए अपने वोट बैंक को मज़बूत करने की तैयारी में जुट गई है।
पंचायतों से विधानसभा की राह आसान करने की रणनीति
प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2026 में होने हैं, लेकिन भाजपा अभी से संगठन को सक्रिय कर रही है। पंचायत चुनावों में बढ़त हासिल करने की रणनीति केवल स्थानीय निकायों तक सीमित नहीं है, बल्कि विधानसभा चुनाव 2027 की बुनियाद भी इन्हीं पंचायतों से रखी जाएगी। इससे पहले वर्ष 2021 में हुए पंचायत चुनावों में भाजपा ने ज़बरदस्त प्रदर्शन करते हुए 75 में से 66 जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनावों में भी भाजपा ने दोबारा सत्ता में वापसी की थी।
किसानों और ग्रामीण युवाओं पर विशेष ध्यान
बजट में ग्रामीण विकास और कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई है। किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बीज, खाद, सिंचाई और कृषि बाजारों के लिए बजट आवंटित किया गया है। इसके अलावा, मत्स्य पालन और पशुपालन से जुड़े लोगों को भी सहायता देने की योजना बनाई गई है।
सरकार ने युवाओं को आकर्षित करने के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास योजना, डिजिटल लाइब्रेरी, स्टेडियम और ओपन जिम जैसी योजनाओं की घोषणा की है। इससे ग्रामीण युवाओं को रोज़गार और फिटनेस के अवसर मिलेंगे, जिससे भाजपा को इस वर्ग का समर्थन मिलने की उम्मीद है।
गरीबों और महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं
ग्रामीण गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत अधिक से अधिक लोगों को लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), मनरेगा और अन्य योजनाओं के ज़रिए गांवों में बुनियादी सुविधाओं को मज़बूत किया जाएगा।
महिला सशक्तिकरण के तहत विशेष योजनाएं लाई जा रही हैं, जिससे भाजपा को महिलाओं का समर्थन मिलने की उम्मीद है। वहीं, मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार योजना, अन्नपूर्णा भवन, ग्रामीण अंत्येष्टि स्थल के विकास और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से भी पंचायत स्तर पर विकास कार्यों को गति देने का प्रयास किया जा रहा है।
चुनावी मोड में भाजपा, विरोधियों की रणनीति पर नज़र
भाजपा ने पंचायत चुनाव से पहले ही संगठन को सक्रिय करने का फैसला लिया है। पार्टी की योजना है कि लाभार्थियों से सीधा संपर्क कर योजनाओं को ज़मीनी स्तर तक पहुँचाया जाए, ताकि विपक्ष को अपनी रणनीति बनाने का मौका न मिले।
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विपक्षी दल समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दल भी ग्रामीण क्षेत्रों में अपने समर्थन को मज़बूत करने की कोशिशों में जुटे हैं। ये दल मुख्य रूप से महिला सुरक्षा, बेरोज़गारी, किसानों की समस्याओं और महंगाई जैसे मुद्दों को उठाकर भाजपा पर निशाना साध रहे हैं।
ऐसे में योगी सरकार ने अपने इस बजट से चुनावी समर के लिए ज़मीन तैयार कर दी है। सरकार आने वाले समय में अनूपूरक बजट लाकर इन योजनाओं को और मज़बूती देने की दिशा में कदम बढ़ा सकती है। अब देखना होगा कि 2026 के पंचायत चुनावों में भाजपा की यह रणनीति कितना असर दिखा पाती है।