UP News: प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत 1 दिसंबर से मिड-डे मील योजना के बजट में बढ़ोतरी की गई है। इस निर्णय का उद्देश्य प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को अधिक पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक भोजन उपलब्ध कराना है। लंबे समय बाद इस योजना के बजट में की गई यह बढ़ोतरी भोजन की गुणवत्ता सुधारने और बच्चों के शारीरिक विकास में सहायक साबित होगी।
नई दरों के लागू होने से अब प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के भोजन के लिए प्रति छात्र 6 रुपये 19 पैसे और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए 9 रुपये 29 पैसे की राशि निर्धारित की गई है।
प्रति छात्र इतनी बढ़ी राशि
इस बढ़ोतरी के तहत प्राथमिक विद्यालयों के छात्रों के भोजन बजट में 72 पैसे और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्रों के लिए 1 रुपये 12 पैसे की वृद्धि की गई है। यह कदम महंगाई और बच्चों की पोषण संबंधी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
1.90 करोड़ बच्चों को होगा लाभ
उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के तहत 1.32 लाख से अधिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जहां लगभग 1.90 करोड़ बच्चे पढ़ते हैं। इस योजना के तहत इन बच्चों को एक समय का पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाता है। योजना को केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त भागीदारी से लागू किया गया है।
उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों के लिए केंद्र सरकार प्रति छात्र 3 रुपये 71 पैसे और राज्य सरकार 2 रुपये 48 पैसे का योगदान देगी। वहीं, उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए केंद्र सरकार 5 रुपये 57 पैसे और राज्य सरकार 3 रुपये 72 पैसे का सहयोग करेगी।
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भोजन की गुणवत्ता में होगा सुधार
एडी बेसिक शिक्षा श्याम किशोर तिवारी ने कहा कि बजट में बढ़ोतरी से भोजन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा। बच्चों को कैलोरी और पोषणयुक्त भोजन देने के उद्देश्य से यह कदम महंगाई के अनुरूप लिया गया है। यह योजना देशभर में 1 दिसंबर से लागू होगी।
गौरतलब है कि मिड-डे मील योजना की शुरुआत 15 अगस्त 1995 को हुई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को स्कूलों में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराकर उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार करना है। इस नई बजट वृद्धि से बच्चों को बेहतर पोषण और शिक्षा का लाभ मिलेगा।