Noida : नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के किनारे बिछाई गई करीब 12 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन के ध्वस्त हो जाने से क्षेत्र के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह सीवर लाइन वर्ष 2002 से 2007 के बीच बनाई गई थी, लेकिन कभी चालू ही नहीं हो पाई। अब, बढ़ती जनसंख्या और नए सेक्टरों को देखते हुए नोएडा प्राधिकरण ने इस सीवर लाइन को सही कराने का निर्णय लिया है।
कई करोड़ की लागत से होगा सुधार कार्य
नोएडा प्राधिकरण की योजना के अनुसार, टूटी हुई सीवर लाइन में से अधिकांश हिस्से को पूरी तरह से बदला जाएगा। वहीं जिन हिस्सों में मामूली क्षति है, उन्हें मरम्मत कर फिर से उपयोग लायक बनाया जाएगा। इस कार्य में लगभग 40 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है।
पुराने एमओयू को किया गया रद्द
सीवर लाइन के रखरखाव और निर्माण को लेकर जल निगम के साथ वर्ष 2002 में एक समझौता (एमओयू) किया गया था, जिसे अब प्राधिकरण द्वारा निरस्त कर दिया गया है। यह निर्णय प्राधिकरण की हालिया बोर्ड मीटिंग में लिया गया, जिसमें सीवर नेटवर्क को दुरुस्त करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।
एक्सप्रेसवे के आसपास की आबादी को होगा सीधा लाभ
नोएडा प्राधिकरण के जल विभाग के महाप्रबंधक (जीएम) आर. पी. सिंह ने जानकारी दी कि यह सीवर लाइन सेक्टर-142 से लेकर ग्रेटर नोएडा बॉर्डर तक फैली हुई है और कई स्थानों पर टूट चुकी है। इसके आसपास के कई गांवों और नवविकसित सेक्टरों में जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन सीवर नेटवर्क की अनुपलब्धता से लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
काम की योजना तैयार, जल्द शुरू होगा निर्माण
प्राधिकरण ने सीवर लाइन की मरम्मत और पुनर्निर्माण से जुड़ी विस्तृत योजना तैयार कर ली है। संबंधित इंजीनियरिंग और निर्माण विभागों को कार्य जल्द शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं। इस कदम से नोएडा (Noida) और ग्रेटर नोएडा के बीच के क्षेत्रों को बेहतर स्वच्छता और बुनियादी सुविधाएं मिल सकेंगी।
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