Himachal Cloudburst: हिमाचल प्रदेश एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया है। मंडी, करसोग, गोहर और धर्मपुर जैसे क्षेत्रों में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। सोमवार रात से लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने पूरे मंडी जिले में हालात बिगाड़ दिए हैं। अब तक 4 लोगों की मौत और 16 से अधिक के लापता होने की खबर है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 117 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। राहत एवं बचाव कार्य में NDRF और SDRF की टीमें जुटी हुई हैं। कई स्थानों पर मवेशी भी मारे गए हैं, और 18 घर व 12 गोशालाएं पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं।
मंडी के गोहर में मां-बेटी बचे, बाकी 7 लोग बहे सैलाब में
मंडी जिले के स्यांज नाले में बाढ़ के चलते एक घर बह गया। घर में मौजूद मां-बेटी को रेस्क्यू कर लिया गया, लेकिन 7 अन्य लोग तेज बहाव में बह गए। इनमें बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। लापता लोगों में पदम सिंह (75), देवकू देवी (70), झाबे राम (50), पार्वती देवी (47), सुरमि देवी (70), इंद्र देव (29), उमावती (27), कनिका (9) और गौतम (7) शामिल हैं।
बाढ़ से बहा पावर प्रोजेक्ट, पुल और गाड़ियां भी लापता
सराज क्षेत्र के कुकलाह में 16 मेगावाट का पटिकरी पावर प्रोजेक्ट बाढ़ की चपेट में आ गया है। तेज बहाव के कारण पुल और गाड़ियां भी बह गईं। मंडी जिले में नदियां उफान पर हैं और पंडोह डैम से 1.57 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे ब्यास नदी में जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। डैम के सभी गेट खोलने से पंडोह बाजार जलमग्न हो गया है।
धर्मपुर और सुजानपुर में भयानक स्थिति, रेस्क्यू जारी
धर्मपुर में भरैंड नाले के उफान पर आने से बस अड्डे समेत कई घरों में पानी घुस गया। घर खाली कराए गए हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वहीं सुजानपुर के खैरी गांव में ब्यास नदी के जलस्तर बढ़ने से 5 से 7 घर डूब गए। पुलिस और प्रशासन ने यहां से 35-40 लोगों को रेस्क्यू किया, जिनमें करीब 15 प्रवासी मजदूर भी शामिल हैं।
कांगड़ा और हमीरपुर में स्कूल बंद, अलर्ट जारी
भारी बारिश के चलते कांगड़ा और हमीरपुर जिले में आज सभी स्कूल बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। जिला दंडाधिकारी मंडी ने भी भारी बारिश और सड़क बंद होने की वजह से सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का फैसला लिया है। यह निर्णय जनसुरक्षा के दृष्टिगत लिया गया है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने जताई संवेदना
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रेस वार्ता में बताया कि मंडी जिले में आठ स्थानों पर बादल फटे हैं। शुरुआती अनुमान के अनुसार, प्रदेश को अब तक 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार हर प्रभावित परिवार की मदद के लिए प्रतिबद्ध है और प्रशासन को राहत कार्यों में कोई ढिलाई न बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि नदी-नालों के किनारे न जाएं और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि वह स्वयं जिला प्रशासन के संपर्क में हैं और हर जरूरी कदम की निगरानी कर रहे हैं।
प्राकृतिक आपदा का भयावह चेहरा
हिमाचल प्रदेश में मानसून हर साल भारी तबाही लाता है, लेकिन इस बार की बारिश और बादल फटने की घटनाएं बेहद विनाशकारी साबित हो रही हैं। मंडी, करसोग, धर्मपुर, गोहर और सराज जैसे क्षेत्रों में लोगों की जिंदगी पल भर में उजड़ गई।
तेज बहाव, भूस्खलन, मकानों का ढहना, मवेशियों की मौत और बिजली उत्पादन केंद्रों का बह जाना हिमाचल की भयंकर त्रासदी को बयां करता है। राहत-बचाव टीमें जी-जान से जुटी हैं, लेकिन प्राकृतिक आपदा की भयावहता के आगे संसाधन भी सीमित नजर आ रहे हैं।
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