Greater Noida: ग्रेटर नोएडा से इस समय की बड़ी खबर आ रही है। किसानों और प्राधिकरण के बीच करीब तीन घंटे तक चली बैठक बेनतीजा रही। किसानों की मांगों पर सहमति नहीं बन पाई, जिसके बाद अब किसान सोमवार, 2 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे। बैठक में ग्रेटर नोएडा, नोएडा और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।
क्या हैं किसानों की प्रमुख मांगें?
किसानों का कहना है कि गोरखपुर में बन रहे हाईवे के लिए चार गुना मुआवजा दिया गया है, जबकि गौतमबुद्ध नगर के किसानों को इस लाभ से वंचित रखा गया है।
- चार गुना मुआवजा: किसानों ने मांग की है कि उन्हें भी गोरखपुर की तर्ज पर चार गुना मुआवजा दिया जाए।
- सर्किल रेट बढ़ाने की मांग: किसानों का कहना है कि पिछले 10 साल से जिले में सर्किल रेट नहीं बढ़ा है।
- नए भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ: किसानों ने भूमि अधिग्रहण के नए कानून को लागू करने और 10% विकसित भूखंड देने की मांग की है।
- हाई पावर कमेटी की सिफारिशें लागू करना: किसानों का कहना है कि कमेटी की सिफारिशों को तुरंत लागू किया जाए।
अधिकारियों के पास समय सीमित
बैठक के बाद किसानों ने साफ किया कि उनकी मांगें पूरी न होने तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि सोमवार तक उनकी मांगों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया, तो वे दिल्ली कूच करेंगे।
अफसरों की कोशिशें जारी
बैठक में गौतमबुद्ध नगर की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह, जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार एनजी, नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉक्टर लोकेश एम, यमुना विकास प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्याधिकारी श्रुति, और ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर शिवहरि मीणा मौजूद रहे।
अधिकारियों की कोशिश थी कि आंदोलन को यहीं समाप्त कर दिया जाए, लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे। यमुना प्राधिकरण के दफ्तर पर पहले से ही किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है, और अब यह आंदोलन और बड़ा रूप लेने की संभावना है।
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सोमवार को क्या होगा?
सोमवार को किसानों का दिल्ली कूच पहले से ही तय है। अब देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस आंदोलन को रोकने के लिए क्या कदम उठाते हैं।