पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) लगातार एक्टिव मोड में नजर आ रहें है. तो वहीं इस बीच सीएम योगी ने सरकारी बाबुओं को लेकर एक नया आदेश जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि 3 दिन से ज्यादा कोई फाइल नहीं लटकनी चाहिए.
दरअसल, शुक्रवार 4 अक्टूबर को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के सभी अधिकारियों के साथ विशेष बैठक की, जिसमें वो फ़ुल एक्टिव मोड में दिखाई दिए. इस बैठक के दौरान सीएम योगी ने पुलिस अधिकारियों के तबादले की चर्चा करते हुए सरकारी दफ्तरों में नागरिक चार्टर लागू करने का निर्देश दिया है और साथ ही कहा कि कोई भी अधिकारी तीन दिनों से ज्यादा समय तक फाइलों को अपने पास लंबित ना रखे और सरकारी दफ्तरों में हर अधिकारी/कर्मचारी की समय से उपस्थिति होनी सुनिश्चित की जाए.
तान दिन से ज्यादा फाइल न हो लंबित
सीएम योगी ने आदेश जारी करते हुए कहा कि किसी भी कार्यालय में कोई भी फाइल ज्यादा दिन तक नहीं रुकनी चाहिए. सभी अधिकारियों और इकाइयों को बीच बेहतर तालमेल और व्यवस्था हो, ताकि बेहतर तालमेल से काम में तेजी से हो सके. उन्होंने आगे अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि “किसी भी कार्यालय में कोई फाइल 3 दिन से अधिक लंबित न हो. अगर किसी भी तरह की कोई समस्या आती है तो डीजीपी कार्यालय, गृह विभाग या फिर सीधे मुझसे समय लेकर मिल सकते हैं.”
लेटलतीफों के खिलाफ होगी कार्रवाई
साथ ही सीएम योगी ने सरकारी बाबुओं की लेटलतीफी को लेकर भी कहा कि, आप लोगों की लेटलतीफी कतई स्वीकार नहीं की जाएगी. वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सतत अचानक निरीक्षण करें. अगर ऐसा कुछ पाया गया तो लापरवाह, लेटलतीफ अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी.’
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अधिकारियों को सीएम योगी के सख्त निर्देश
तो वहीं सीएम योगी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए आगे कहा कि आम नागरिकों की शिकायतों को जल्द से जल्द निवारण करें. जनता को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए हर दफ्तर में सिटिजन चार्टर को तत्काल प्रभावी रूप से लागू किया जाना चाहिए और अगर किसी भी वजह से काम में कोई देरी होती है तो उसकी जवाबदेही तय की जाएं.
सीएम योगी ने मृतक आश्रितों के प्रकरणों में नियमों में संशोधन का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि आश्रित की आयु को ध्यान में रखते हुए फिजिकल परीक्षण के नियम व्यावहारिक होने चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने की बात कही कि मृतक आश्रितों के मामलों का निस्तारण तय समय-सीमा के भीतर किया जाए। यह कदम प्रशासनिक प्रक्रियाओं को प्रभावी बनाने और प्रभावित परिवारों की मदद करने के लिए उठाया जा रहा है।
बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे साइबर क्राइम को लेकर भी अपनी चिंता वयक्त की है और अधिकारियों को इन घटनाओं को लेकर सतर्क रहने के लिए कहा है, ‘साइबर क्राइम रोकने के लिए भी सीएम योगी ने अदिकारियों को निर्देश दिए है कि उन्हें हर स्तर पर सतर्क रहना होगा. तो वहीं आगे साइबर फ्रॉड के संबंध में जागरुकता बढ़ाने की आवश्यकता है और शिक्षक, उद्यमियों, व्यापारियों, चिकित्सकों सहित अलग-अलग वर्गों के साथ समय-समय पर गोष्ठियां की जाएं.’