शरद पवार के एनसीपी का अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। इसकी भविष्यवाणी सुप्रिया सुले ने पहले ही की थी कि महाराष्ट्र में 15 दिनों के अंदर राजनीतिक विस्फोट होगा और मंगलवार को महाराष्ट्र की राजनीति में विस्फोट हो गया जिसके बाद से पार्टी में हलचल मची हुई। पवार के इस्तीफा का ऐलान करते ही पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की और उनसे इस्तीफा वापस लेने की गुजारिश की। वहीं अजित पवार ने कहा कि शरद पवार ने इस मामले में फैसला लेने और सोचने के लिए दो-तीन दिन का समय मांगा है।
क्या महाराष्ट्र में फिर पलट सकती है राजनीति की रोटी
अजित पवार ने जब ये कहा कि शरद पवार को इस फैसले पर सोचने के लिए दो से तीन दिन का समय चाहिए तब से और उथल-पुथल मची हुई है कि क्या महाराष्ट्र की NCP पार्टी में हुए शरद पवार के इस्तीफे के ऐलान के बाद क्या रोटी फिर पलट सकती है। अब आप तो जानते हैं कि राजनीति में उठा-पठक चलती रहती है। पिछले कुछ समय पहले ये खबरें सामने आ रहीं थी की अजित पवार एनसीपी के 53 में से 30-34 विधायकों के साथ मिलकर शिंदे-फडणवीस सरकार का हिस्सा बन सकते हैं।
खबरें ये भी सामने आ रहीं हैं कि अजित पवार एनडीए में शामिल होने के लिए पार्टी में समर्थन जुटा रहे हैं. अजित की इस मुहीम में प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, छगन भुजबल, धनंजय मुंडे जैसे एनसीपी नेताओं ने समर्थन किया है। हालांकि, एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल समेत कई नेता इसके पक्ष में नहीं हैं. वहीं, शरद पवार भी साफ मना कर चुके हैं, कि वे बीजेपी के साथ मिलकर सरकार नहीं बनाएंगे।
शरद पवार के अध्यक्ष पद के बाद से पवार के भतीजे अजित पवार और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले का नाम सबसे आगे चल रहें हैं क्योंकि दोनों खुद को शरद पवार की सियासत के वारिस मानते हैं ऐसे में अगर एक को अध्यक्ष पद की की कमान सौंपी गई तो दूसरे का पार्टी के खिलाफ बागी होना तय है।