भगोड़े अमृतापल का साये की तरह साथ देने वाला पपलप्रीत सोमवार को पुलिस के हत्थे आखिरकार लग ही गया। बता दें पंजाब पुलिस ने स्पेशल सेल की मदद से एक बड़ा ऑपरेशन चलाया जिसके बाद पप्पलप्रीत को गिरफ्तार किया गया। वहीं, पप्पलप्रीत जो अमृतपाल का राइट हैंड के तौर पर देखा जा रहा था उसकी गिरफ्तारी के बाद अब अमृतपाल की गिरफ्तारी की भी उम्मीद पैदा हो गई है। गिरफ्तारी के बाद पंजाब पुलिस ने पपलप्रीत से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह इतने लंबे समय तक अधिकारियों से कैसे बचते रहा है।
पप्पलप्रीत को पुलिस ने असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया है। पंजाब पुलिस ने मंगलवार की सुबह 5 बजकर 45 मिनट पर फ्लाइट के जरिए अमृतसर से असम लेकर गई। पुलिस ने अमृतपाल के 8 साथियों को असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पप्पलप्रीत से डिब्रूगढ़ जेल में ही पूछताछ होगी। पुलिस को शक है उसे पंजाब में रखने से माहौल खराब हो सकता है।
भगोड़े अमृतपाल के 8 करीबियों को इसी जेल में रखा गया जिनमें अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह के अलावा अमृतपाल का फाइनेंसर दलजीत कल्सी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह, भगवंत सिंह, कुलवंत सिंह धालीवाल, गुरिंदर पाल सिंह और अब खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल का राइट हैंड भी इसी जेल में रखा जाएगा और यहीं उससे बाकी की पूछताछ की जाएगी।
डिब्रूगढ़ जेल भेजे जाने से पहले पंजाब में उससे पूछताछ की तो उसने इस बात को कबूला है कि वो अमृतपाल का साथ जबसे दे रहा जब वो साल 2022 में दुबई से लौटा था। पपलप्रीत ने इसके साथ ये भी खुलासा किया कि उसने हरियाणा और पंजाब लौटने से पहले हरियाणा, पटियाला, दिल्ली और पीलीभीत सहित विभिन्न स्थानों की यात्रा की थी और साथ ही ये भी कबूला कि उसने ही अमृतपाल की छिपने में सभी ठिकाने की व्यवस्था की और कारों, बसों का इस्तेमाल भी हम दोंनो ने साथ किया।
पप्पलप्रीत के मुताबिक, वे पुलिस की बर्बरता से बचने के लिए भाग रहे थे। सूत्र ने आगे कहा, पप्पलप्रीत ने दावा किया कि उन्होंने एक समय पर आत्मसमर्पण करने पर विचार किया था। इसके अलावा, उसने कबूल किया कि पब्लिक डोमेन में उपलब्ध सभी वीडियो और तस्वीरें उन्हीं की हैं। हालांकि, उसने कहा कि उसका इस वक्त अमृतपाल से कोई संपर्क नहीं है, उसने अंदाजा लगाया कि वह इस वक्त पंजाब में हो सकता है। पिछले हफ्ते वह दोनों अलग हो गए थे। पप्पलप्रीत सिंह पर पहले भी कई मामले दर्ज हो चुके हैं।