खालिस्तानी समर्थक भगोड़े अमृतपाल को गिरफ्तार करने के लिए पंजा पुलिस एड़ी चोटी का जोर लगा रही है लेकिन अमृतपाल भेस बदल बदल कर भागता फिर रहा है। पुलिस के मुताबिक 21 मार्च को हरियाणा के शाहबाद में अमृतपाल अपने एक समर्थक के पास आया था। इसके बाद से पुलिस उस समर्थक से पूछताछ कर रही है। हालांकि पुलिस अब ये अनुमान लगा रही है कि अमृतपाल सिंह उत्तराखंड में हो सकता है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, लुधियाना से निकलने के लिए अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगी पापलप्रीत सिंह ने शेरपुर चौक तक पहुंचने के लिए दो ऑटो-रिक्शा बदले थे। इसके बाद वह बस में सवार होकर हरियाणा भाग गया हरियाण के शाहबाद में अमृतपाल सिंह को शरण देने के आरोप में एक महिला को पकड़ा गया है। महिला बलजीत कौर ने जांचकर्ताओं को बताया कि दोनों ने उसे विश्वास दिलाया था कि वे आगे उत्तराखंड जा सकते हैं। पूछताछ के बाद पुलिस को ऐसा लग रहा है कि अमृतपाल का मकसद दूसरे राज्यों में सुरक्षित अड्डा ढूंढना है।
जालंधर देहात के गांव शेखूपुर से गुरुवार को एक फोटो और सीसीटीवी कैमरे का फुटेज सामने आया था। इसमें फरार खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह अपने एक साथी संग जुगाड़ गाड़ी पर प्लेटिना बाइक रखकर जाता नजर आया। फोटो और वीडियो वायरल होने के बाद जुगाड़ गाड़ी को मीडिया ने ढूंढ निकाला।
जुगाड़ गाड़ी चालक का नाम लखबीर सिंह लक्खा है। लक्खा ने मीडिया को बताया, वह घर से मेहतपुर की ओर जा रहा था, तभी रास्ते में दो नौजवान खड़े हुए नजर आए उन्होंने मुझे रोका और कहा कि उनकी बाइक पंचर हो गई है, इसलिए वह उन्हें आगे तक छोड़ दे, उसके बाद वह अपनी जुगाड़ी गाड़ी पर बिठाकर उन दोनों को मेहतपुर तक तक लेकर आया।
गाड़ी चालक लखबीर सिंह लक्खा ने बताया, मुझे मालूम नहीं था कि मदद मांगने वाला शख्स अमृतपाल सिंह और उसका साथी है, लेकिन बाद में यह पता चल गया कि अमृतपाल ने फरार होने के लिए उसके ठेले का इस्तेमाल कर लिया है। जुगाड़ गाड़ीवाले लक्खा ने आगे बताया कि आते-जाते रास्ते में पुलिस की गाड़ियां तो बहुत थीं, लेकिन उनकी किसी ने चेकिंग नहीं की। बाद में अमृतपाल सिंह ने भाड़े के तौर पर ₹100 भी दिए. लक्खा ने बताया कि अमृतपाल सिंग उसकी फोटो नकली नहीं, बल्कि असली है।