Noida News: नोएडा-ग्रेटर नोएडा में नशे का कारोबार आम बात है। पुलिस लगातार नशे की तस्करी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। हालांकि इसके बावजूद नशे का अवैध कारोबार जारी है। नोएडा के समाजसेवी डॉ. रंजन तोमर द्वारा लगाई गई आरटीआई से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। डॉ. तोमर की आरटीआई में पूछे गए सवालों पर कमिश्नरेट पुलिस की ओर से जो जवाब मिला है, वह हैरान करने वाला है।
2022 से 2024 के बीच की अवधि की मांगी गई जानकारी
शहर के समाजसेवी डॉ. रंजन तोमर ने नोएडा पुलिस कमिश्नरेट में आरटीआई लगाई थी। इसके जरिए उन्होंने जानकारी मांगी थी कि शहर के कौन से इलाके या थाना क्षेत्र नशे की तस्करी के हॉटस्पॉट हैं, कहां सबसे ज्यादा मात्रा में नशे की बरामदगी होती है और कहां सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां होती हैं। जवाब में जन सूचना अधिकारी ने सभी एसीपी क्षेत्रों से आंकड़े संकलित करते हुए 36 पन्नों का दस्तावेज भेजा। प्रत्येक एसीपी ने अपने-अपने थाना क्षेत्राधिकार से जानकारी जुटाई। उल्लेखनीय है कि यह जानकारी 2022 से 2024 के बीच की अवधि की है।
सेक्टर 126 थाना ड्रग तस्करों में सबसे आगे
आरटीआई के अनुसार, शहर में सबसे ज्यादा ड्रग तस्कर एसीपी 1 के तहत थाना 126 में पकड़े गए। यह जानकारी थाना प्रभारी ने दी, जिन्होंने बताया कि 2022 से 2024 के बीच 119 किलोग्राम ड्रग जब्त की गई और 45 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इस क्षेत्राधिकार में एक प्रसिद्ध विश्वविद्यालय और कई आईटी कंपनियां शामिल हैं। कुछ ग्रामीण इलाकों से भी ड्रग्स जब्त की गई। थाना 126 के अलावा एसीपी 1 के तहत अन्य थानों में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। एसीपी 3 के तहत सेक्टर 49 थाने में इस अवधि के दौरान 8.27 मिलीग्राम एमडीएमए और 270 ग्राम डायजेपाम जब्त किया गया और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। अन्य पुलिस थानों में कोई ड्रग जब्त होने की सूचना नहीं है।
सेंट्रल नोएडा में कोई ड्रग नहीं?
एसीपी 1 सेंट्रल नोएडा से मिली जानकारी के अनुसार किसी भी थाने के क्षेत्राधिकार में कोई मादक पदार्थ जब्त नहीं किया गया। एसीपी 2 सेंट्रल और एसीपी 3 सेंट्रल नोएडा ने भी कोई मामला दर्ज नहीं किया। यह चौंकाने वाली बात है, क्योंकि सेंट्रल नोएडा में कई जगहों पर नशे का कारोबार जारी है। आरटीआई में दी गई जानकारी हैरान करने वाली है और पुलिस का जवाब वाकई चौंकाने वाला है।
ग्रेटर नोएडा की रिपोर्ट ने चौंकाया
इसी तरह ग्रेटर नोएडा के एसीपी 1, 2, 3 और 4 ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उनके क्षेत्राधिकार में कोई मादक पदार्थ जब्त नहीं किया गया। हालांकि कमिश्नरेट पुलिस ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत यह जानकारी दी है, लेकिन यह मानना मुश्किल है कि ग्रेटर नोएडा जैसे यूनिवर्सिटी हब में कोई नशा नहीं मिला। पिछले साल ही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने ग्रेटर नोएडा में करीब 150 करोड़ रुपये के मैक्सिकन ड्रग कार्टेल का पर्दाफाश किया था। इसके अलावा, इलाके में अक्सर अफ्रीकी गिरोहों द्वारा ड्रग्स बेचने की खबरें सामने आती रहती हैं। ग्रेटर नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इस मामले में अपनी पकड़ मजबूत करने की जरूरत है।
नोएडा जोन पुलिस की सराहना
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. रंजन तोमर ने कहा कि सबसे ज्यादा मात्रा में ड्रग्स पकड़ने और लगातार गिरफ्तारियां करने के लिए नोएडा के एसीपी 1 सराहना के पात्र हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह काम जारी रहना चाहिए और नशे का कारोबार गांवों तक फैल चुका है, जिसके लिए इन इलाकों में विशेष जांच और गिरफ्तारियां जरूरी हैं।
नारकोटिक्स विभाग के लिए एक स्थायी कार्यालय
डॉ. रंजन तोमर ने सुझाव दिया कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को नोएडा जैसे शहर में एक स्थायी कार्यालय स्थापित करना चाहिए, ताकि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और नए विकसित हो रहे जेवर क्षेत्र पर कड़ी निगरानी रखी जा सके। इस मामले को लेकर वह भारत सरकार को पत्र लिखने की योजना बना रहे हैं।