Noida: गौतमबुद्ध नगर के किसानों और अधिकारियों के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए आज एक हाईलेवल बैठक आयोजित की गई। यह बैठक ग्रेटर नोएडा के अधिकारियों और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच हो रही है। बैठक में गौतमबुद्ध नगर के एडिशनल सीपी शिवहरि मीणा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार एनजी, नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम और यमुना प्राधिकरण की ओर से आईएएस अधिकारी श्रुति मौजूद हैं। जिला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा भी इस बैठक में भाग ले रहे हैं।
किसानों का प्रतिनिधित्व रुपेश वर्मा, सुनील फौजी और सुखबीर खलीफा कर रहे हैं। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर कड़ा रुख अपनाया हुआ है और साफ तौर पर कहा है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो वे सोमवार (2 दिसंबर) को दिल्ली कूच करेंगे।
अधिकारियों पर दबाव, किसानों का अडिग रुख
अधिकारियों के पास इस विवाद को सुलझाने के लिए केवल सीमित समय है। उनकी कोशिश है कि किसान यहीं अपना आंदोलन समाप्त कर दें। हालांकि, किसान अपनी मांगों पर अडिग हैं और उन्होंने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती, आंदोलन समाप्त नहीं होगा।
गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाद अब यमुना प्राधिकरण के दफ्तर पर भी किसानों का आंदोलन जारी है। इस बैठक के नतीजों का इंतजार लाखों लोगों को है।
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क्या हैं किसानों की मांगें?
किसानों की प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:
- मुआवजे में बढ़ोतरी: गोरखपुर में बन रहे हाईवे के लिए चार गुना मुआवजा दिया गया, लेकिन गौतमबुद्ध नगर के किसानों को यह लाभ नहीं मिला।
- सर्किल रेट में बढ़ोतरी: जिले में पिछले 10 साल से सर्किल रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
- नए भूमि अधिग्रहण कानून का लाभ: किसानों ने नए कानून के तहत लाभ दिए जाने की मांग की है।
- 10% विकसित भूखंड: हाई पावर कमेटी की सिफारिशों के अनुसार 10 प्रतिशत विकसित भूखंड का आवंटन।
क्या होगा बैठक का नतीजा?
इस बैठक से किसानों और प्रशासन के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव को हल करने की उम्मीद है। हालांकि, यदि किसानों की मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो वे दिल्ली की ओर कूच करेंगे। जिले के अधिकारी इस आंदोलन को खत्म करने के प्रयास में जुटे हुए हैं।