लखनऊ :- लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कार्यभार संभालने के बाद प्रत्येक सर्किल पर साप्ताहिक समीक्षा बैठक शुरु की और जिसका परिणाम स्वरुप सर्किल स्तर पर अपराध में कमी आयी है। पुलिस कमिश्नर की बैठक में उनका मुख्य रुप से लंबित विवेचनाओं के निरस्तारण पर जोर रहता है।
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत आने वाले सभी सर्किल पर पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बैठकें कर रहे है। वे सर्किल स्तर पर समीक्षा करते हुए लंबित विवेचना, लंबित आंशिक विवेचना, लंबित पुनर्विवेचना, राजपत्रित अधिकारी या थाने पर लंबित विवेचना की जानकारी करते है। इससे पुराने मुकदमों के निस्तारण कार्य में तेजी आयी है, तो थाना या पुलिस चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों को अपराधी पकड़ने का पर्याप्त वक्त भी मिला है।
बीते दिनों लखनऊ में लूट या डकैती की कोई बड़ी वारदात नहीं हुई है। वाहन चोरी, मकानों में चोरी की घटनाओं पर भी लगाम लगी है। चेन स्नेचिंग जैसी वारदातों में तेजी से अपराधी पकड़ में आये हैं।
पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने थाने पर प्राप्त एनबीडब्लू, कुर्की, वारंट वसूली जुर्माना की तामीला को भी समीक्षा में शामिल किया है। थानेदारों के कार्यों में सुधार लाने और उनकी जवाबदेही तय करने के लिए डीके ठाकुर ने माह के चार सप्ताह किसी एक सर्किल पर समीक्षा बैठक रख ही रहे हैं।
अपराध नियंत्रण के आंकड़ों के अनुसार लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में सबसे ज्यादा और बड़ी गैंगस्टर कार्रवाई हुई है। यहां गैंगस्टरों की 350 करोड़ की संपत्ति जब्त करने की कार्यवाही सामने आयी है। लखनऊ पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर माफिया के खिलाफ भी अभियान चला और माफिया या उनके गुर्गो के विरुद्ध मुकदमें दर्ज किए गए। माफिया के अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण में सरकारी अधिकारियों को लखनऊ पुलिस ने पूरी सुरक्षा दी।
पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के समीक्षा बैठकों का ही परिणाम है कि बहुत सारे मामलों का निस्तारण प्रभारी निरीक्षक अपने थाना पर ही कर दे रहे हैं। घरेलू मामलों में दोनों पक्ष को बैठाकर समझौता करा दिया जा रहा है।
Publish by- shivam Dixit
@shivamniwan