लखनऊ :- लखनऊ में डायरिया और कालरा जैसी बीमारी से सैकड़ों लोगों के बीमार पड़ने के बाद डेंगू का संकट मंडराने लगा है। सरकारी अस्पतालों में डेंगू के मरीज पहुंचने लगे हैं और दर्जनों लोगों में डेंगू के लक्षण दिखने पर रैपिड जांच करायी गयी है।
बीते दिनों बालू अड्डा में डायरिया और बाद में कालरा तो आशियाना में डायरिया के मरीजों से सरकारी अस्पताल भरे हुए थे। डायरिया के मरीजों के कम होने पर अभी त्रिवेणी नगर से फैजुल्लागंज तक डेंगू बीमारी ने पांव पसारना शुरु किया है। फैजुल्लागंज में नालियों, गड्ढों और खाली पड़ी जगहों पर बारिश का पानी एकत्रित होकर डेंगू को आमंत्रित कर रहा है।
नगर निगम की स्वच्छता अभियान की टीमें फैजुल्लागंज के फेज वन, टू और थ्री में स्वच्छता कार्य कर तो रही है लेकिन स्थानीय लोगों में निगम कर्मचारियों के लापरवाही को लेकर गुस्सा व्याप्त है। फैजुल्लागंज निवासी अजीत सिंह, जयप्रकाश की मानें तो गंदे नाले की सफाई सुबह के वक्त की जाती है और कूड़ा कचड़ा निकाल कर गली में ही छोड़ दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि फैजुल्लागंज में अवैध डेरियों से निकलने वाला पानी भी नालियों को जाम करता है। नालियां जाम होने के बाद दूषित जल गलियों में बहता रहता है। ढक्कन टूटने के बाद कई माह तक नहीं बदले जाते हैं। दूषित पानी एकत्रित होता रहता है और इसके कारण फैजुल्लागंज में मच्छरों की संख्या बढ़ी है। वही फागिंग भी पूरे क्षेत्र में नहीं होती।
उन्होंने बताया कि फैजुल्लागंज में डेंगू के मरीजों की संख्या दो दर्जन के करीब पहुंच चुकी है। इसमें ज्यादातर बच्चें है, जिनका बलरामपुर अस्पताल, सिविल अस्पताल में उपचार चल रहा हैं।
बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सक डा.सर्वेश सिंह ने कहा कि डेंगू का खतरा बढ़ा है। मरीजों के इमरजेंसी में आने का सिलसिला शुरु हुआ है। बीते 24 घंटे में आधा दर्जन मरीजों में डेंगू की पुष्टी हुई है। चिकित्सकों द्वारा डेंगू के मरीजों का उपचार कराया जा रहा है। वही नये मरीजों की रैपिड जांच करायी जा रही है।
उन्होंने कहा कि बारिश के दिनों में लोगों को सावधानी रखनी चाहिए। अपने घरों में आसपास दूषित जल एकत्रित होने नहीं देना चाहिए। पानी में पलने वाले मच्छरों में ही डेंगू के मच्छर भी हो सकते हैं। ये मच्छर दिन के वक्त ज्यादा प्रभावशाली होते हैं। डेंगू बुखार आने पर तत्काल ही अस्पताल में आकर खुद को दिखाना चाहिए।
Publish by- shivam Dixit
@shivamniwan