लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज यहाँ यूपी के नौ मण्डलों के वरिष्ठ व जिम्मेदार पदाधिकारियों के साथ अहम् बैठक की। इस बैठक में उन्होंने संगठन के सभी स्तर की कमेटियों में भी खासकर पोलिंग बूथ की कमेटियों के क्रिया कलापों की समीक्षा की। बचे हुए कामों को युद्ध स्तर पर पूरा करने का कड़ा निर्देश भी दिया।
उन्होंने कहा कि भाजपा को तो अब अपनी सत्ता यहाँ जाती हुई दिख रही है, जिसकी खलबली में राज्य सरकार ऐसे फैसले ले रही है, जिसका जनहित से सही वास्ता न होकर केवल वक्ती व सस्ती लोकप्रियता वाला ही अधिक है। वैसे भी यूपी सरकार की ऐसी ही गैर-जरूरी कार्यों में इनका समय ज्यादा बीता है।
मायावती ने कहा कि ख़ासकर आगामी विधानसभा आमचुनाव के मद्देनजर जिस प्रकार से कांग्रेस, भाजपा व समाजवादी पार्टी द्वारा बी.एस.पी. मूवमेन्ट व उसके नेतृत्व के खिलाफ किस्म-किस्म के हथकण्डे इस्तेमाल किए जा रहे हैं। उनका सामना करने के लिए पहले से ज्यादा अधिक सजग रहना बहुत जरूरी हो गया है।
मायावती ने सभी को हिदायत दी कि पूरी कमेटी के गठन व उन्हें कैडर बैठकों के जरिए सभी को उनकी जिम्मेदारी स्पष्ट तौर पर जरूर बताई जाए तथा उनके कार्यों की लगातार समीक्षा भी होती रहनी बहुत जरूरी है। इसकी प्रगति रिपोर्ट से उन्हें भी अपडेट रखा जाए।
मायावती ने कहा कि इन किसानों की मुख्यतः तीन नए कृषि कानूनों की वापसी की माँग के प्रति केन्द्र सरकार को अपना अड़ियल रवैया त्याग कर इस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए इसे किसानों की मान-सम्मान की ख़ातिर व व्यापक देशहित में तुरन्त वापस ले लेना चाहिए। वैसे भी किसानों के मेहनतकश समाज के लिए कोई भी नया कानून उनको विश्वास में लिए बिना नहीं बनाया जाना चाहिए। केन्द्र ने ऐसा करके बहुत बड़ी गलती की है, जिसका आवश्यक सुधार अब बहुत जरूरी हो गया है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के इस प्रकार के अनुचित व अड़ियल रवैये के कारण ही बीजेपी शासित राज्य सरकारें भी किसानों को एक प्रकार से अपना प्रतिरोधी ही मानकर व्यवहार करने लगी हैं। इस मामले में खासकर हरियाणा सरकार का रवैया लगातार घोर किसान-विरोधी बना हुआ है। भाजपा की इसी प्रकार की जनविरोधी व किसान विरोधी कार्यशैली से यूपी सहित जनता का हाल हर जगह बेहाल हो रहा है।