लखनऊ: लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में बनी लखनऊ विकास प्राधिकरण की पार्किंगों में बड़े वाहनों को खड़ा करने की जगह नहीं है। पार्किंग ओवरलोड होने के कारण बड़े ट्रक, छोटे ट्रक जैसे बड़े वाहन मार्ग पर ही खड़े रहते हैं। बड़े वाहनों के मार्ग पर खड़े होने पर दूसरे वाहनों के आवागमन में बेहद कठिनाई होती है।
लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में करोड़ों रुपयों का कारोबार होता है और देश की छोटी बड़ी कम्पनियों के यहां कार्यालय मौजूद हैं। ट्रकों के आने जाने का सिलसिला तो 24 घंटे चलता है। ट्रांसपोर्ट, पार्सल, कोरियर कम्पनियों की ट्रकें ही भीतर बनी लखनऊ विकास प्राधिकरण की दर्जनभर पार्किंगों में खड़ी होती है। ट्रकों के खड़े होने का बड़ा शुल्क भी प्राधिकरण को जाता है।
आजकल पार्किंग ओवरलोड होने के कारण ट्रकों को उनके चालक मार्ग पर ही लगा देते हैं। मार्ग पर खड़े बड़े वाहनों की कतारों से मार्ग की चौड़ाई कम हो जाती है। व्यस्त मार्गो पर वाहनों के कतरों से दुर्व्यवस्था फैलती है। इसको लेकर स्थानीय कम्पनियों के लोगों एवं व्यापारी परेशानी उठाते है।
देश की जानी मानी कम्पनी टीसीआई के मैनेजर मनोज ने बताया कि बारिश के दिन में ट्रकों की रफ्तार पहले से कम हो जाती है। ट्रांसपोर्ट नगर में सड़कें भी बहुत खराब है। आजकल पार्किंग के बाहर ही ट्रकें लगाकर दूसरे कम्पनियों के चालक चले जाते हैं। जिससे टीसीआई की ट्रके आने में कठनाई होती है।
उन्होंने बताया कि ये रोज की समस्या हो गयी है। मार्ग पर ट्रक खड़े होने से रोका नहीं जा सकता है। पार्किंग ओवरलोड है तो ट्रक चालक अपने वाहन लेकर कहां जाये। 09 नम्बर, 10 नम्बर पार्किंग के बीच में टीसीआई की ट्रकें अक्सर ही खड़ी हो जाती है और उन्हें निकलने के लिए दूसरे वाहन के हटने का इंतजार करना पड़ता है।
ट्रकें किराये पर देने वाले जितेंद्र ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर में व्यापार करने वाले जो लोग माल भेजने के लिए किराये पर ट्रक मंगवाते हैं, वे उन्हें ट्रके किराये पर देते हैं। उनकी ट्रक पार्किंग में ही खड़ी होती है। इन दिनों थोड़ी बहुत समस्या तो आयी है, पार्किंग में खड़ी करने की जगह नहीं होने पर बाहर के मार्ग पर ही खड़ा करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि मार्ग पर खड़े ट्रक के चालक वही आसपास ही रहते हैं। दूसरे वाहनों के आने जाने में कठिनाई ना हो, इसके लिए अपनी ट्रक को आगे पीछे कर लिया जाता है। वही छोटे वाहनों का आना जाना तो आराम से हो जाता है।