लखनऊ :- समाजवादी पार्टी(भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश के दर्जनों जनपदों में नदियां उफान पर हैं। बाढ़ की विभीषिका में फंसे लोग जान-माल की गुहार लगा रहे हैं। तटबंध टूट रहे हैं, सड़क-सम्पर्क मार्ग तेज लहरों के बहाव में ध्वस्त हो रहे हैं, हर ओर तबाही है। बेबस पशु चारा-पानी को तरस रहे हें। बीमारियां फैल रही हैं। भाजपा सरकार को इधर देखने की फुर्सत नहीं है, वह आए दिन अपनी विज्ञापनी प्रचार उत्सवों के आयोजन में व्यस्त है।
उन्होंने कहा कि खुद मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर की हालात बिगड़ती जा रही है। छह प्रमुख नदियां यहां उफान पर हैं। यहां भरवलिया-बसावनपुर रिंग बांध टूट गया है। गोरखपुर-वाराणसी, सोनौली, गोरखपुर-लखनऊ जोड़ने वाली सड़कों पर यातायात बाधित है। कई तटबंध टूट फूट गए हैं। आमी नदी का पानी इंडियन आयल कॉरपोरेशन के बाटलिंग प्लांट में पानी भर जाने से प्लांट बंद हो गया है।
अखिलेश यादव ने कहा कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोग घर की छतों पर या किसी ऊंचे स्थान पर शरण लिए हुए हैं। लोग नावों से ही इधर-उधर जा पा रहे हैं। सबसे बुरी दशा मवेशियों की है। उनकी देखभाल कौन करे जब लोगों का ही कहीं ठिकाना नहीं है। औरतों-बच्चों तथा बूढ़ों को ज्यादा ही परेशानियां उठानी पड़ रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश की जनता बाढ़ के प्रकोप से त्राहि-त्राहि कर रही है। भाजपा सरकार ने बाढ़ के हालात पर कोई गम्भीरता नहीं दिखाई है। राहत कार्य अभी तक नहीं चल रहे हैं। बाढ़गस्त इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की सुचारू व्यवस्था नहीं है। कई जनपदों मे ज्वर और दूसरी बीमारियां भी फैल रही है जिनके इलाज के लिए कोई चिकित्सीय मदद नहीं मिल रही है। सब कुछ भगवान भरोसे है। ठीक उसी तरह जैसे कोरोना पीड़ितों की भाजपा ने कोई सुध नहीं ली थी। भाजपा सरकार पूर्णतया संवेदनशून्य है। जनता ने इसलिए तय कर लिया है कि सन् 2022 में अब वह भाजपा की किसी चाल में न फंसकर सपा को ही विजयी बनाएंगे।
Publish by- shivam Dixit
@shivamniwan