नई दिल्ली :- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना महामारी को पिछले 100 वर्षों में मानवता के सामने सबसे बड़ी आपदा बताते हुए कहा कि इस दौरान मध्य प्रदेश में पांच करोड़ और पूरे देश में 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन दिया गया। उन्होंने कहा कि कोरोना से उपजे संकट से निपटने के लिए भारत ने अपनी रणनीति में गरीबों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।
प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के लाभार्थियों से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से संवाद कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने इस दौरान बुरहानपुर से राजेंद्र शर्मा, होशंगाबाद से माया, सतना से दीप कुमार कोरी और निवाड़ी से चंद्रभान विश्वकर्मा से बातचीत कर सरकारी योजनाओं के संबंध में उनसे जानकारी प्राप्त की। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने इससे पहले गुजरात और उत्तर प्रदेश के पीएमजीकेएवाई लाभार्थियों से भी चर्चा की थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजीविका पर दुनियाभर में आए इस संकट काल में ये निरंतर सुनिश्चित किया जा रहा है कि भारत में कम से कम नुकसान हो। इसके लिए बीते साल में अनेक कदम उठाए गए हैं और निरंतर उठाए जा रहे हैं। छोटे, लघु, सूक्ष्म उद्योगों को अपना काम जारी रखने के लिए लाखों करोड़ रुपये की मदद उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना हो या फिर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना, पहले दिन से ही गरीबों और श्रमिकों के भोजन और रोजगार की चिंता की गई।
मध्य प्रदेश में बाढ़ और बारिश के कारण हुए नुकसान पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मुश्किल की इस घड़ी में भारत सरकार और पूरा देश मध्य प्रदेश के साथ खड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं विकास के लिए डबल इंजन सरकार का हिमायती हूं। डबल इंजन सरकार में केंद्र की योजनाओं को राज्य सरकार आगे बढ़ाने के काम को बखूबी अंजाम देती है। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि शिवराज सिहं के नेतृत्व में मध्य प्रदेश ने बीमारी राज्य की पहचान को काफी पहले ही पीछे छोड़ दिया है।
पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों को सड़क, बिजली और बैंक खाता जैसी सुविधाओं से दूर रखा गया। उन्होंने कहा कि आज अगर सरकार की योजनाएं जमीन पर तेजी से पहुंच रही हैं, लागू हो रही हैं तो इसके पीछे सरकार के कामकाज में आया परिवर्तन है। पहले की सरकारी व्यवस्था में एक विकृति थी। वो गरीबों के बारे में सवाल भी खुद पूछते थे और जवाब भी खुद ही देते थे। जिस तक लाभ पहुंचाना है, उसके बारे में पहले सोचा ही नहीं जाता था।
उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में गरीबों को ताकत देने का, सही मायने में सशक्तिकरण का प्रयास किया जा रहा है। आज जो देश के गांव-गांव में सड़कें बन रही हैं, उनसे नए रोजगार बन रहे हैं, बाजारों तक किसानों की पहुंच सुलभ हुई है, बीमारी की स्थिति में गरीब समय पर अस्पताल पहुंच पा रहा है।