औरैया: जिला आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग और चंबल फाउंडेशन की तरफ से बाढ़ राहत चिकित्सा शिविर का आठवां आयोजन यमुना तट के कीरतपुर गांव में किया गया। इस दौरान बाढ़ पीड़ित ग्रामवासियों की अच्छी खासी भीड़ आयुर्वेदिक दवाइयों को लेने के लिए तथा कैम्प में आये चिकित्सकों से परामर्श लेने के लिये उमड़ पड़ी।
भीड़ की अधिकता को देखते हुए आसपास के अन्य चिकित्सालयों से तुरंत दवा की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा सकी। कीरतपुर में लगे इस आयुष आपके द्वार शिविर में ग्राम खुबे की मड़ैया, जाखिन, गुरहा, पूंछरी के अलावा सिरसा क्षेत्र के रोगी भी उमड़ पड़े।
नोडल अधिकारी बाढ़ राहत डॉ. लोकेश कुमार ने बताया कि पिछले कई दिनों से आयुष विभाग बाढ़ राहत के लिए अनवरत चिकित्सा शिविर आयोजित कर रहा है। इसी कड़ी में आज आयोजित चिकित्सा शिविर में अचानक बढ़ी हुई भीड़ को देखते हुए त्वरित ही अन्य चिकित्सकों एवं औषधियों की व्यवस्था भी की गई।
चिकित्सा शिविर में शामिल डॉ. कमल कुमार कुशवाहा ने कहा कि इस अचानक से बढ़ी हुई भीड़ के मद्देनजर कोविड नियमों की अनदेखी न हो इसके लिए भी लोगो प्रेरित कर तथा दूरी बनाए रखने के लिए कहा गया। डॉ. कल्पना राठौर ने कहा कि बाढ़ के दौरान महिलाओं एवं किशोरियों में खून की कमी भी पाई गई है इसके लिए उन्हें लोहासव वितरित किया गया।
शिविर संचालक डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि इस क्षेत्र में पेट के रोगी बहुतायत में मिले है जिन्हें निःशुल्क दवा वितरित की गई। डॉ. ललित उपाध्याय ने कहा कि बुखार व विषाणुजनित रोगों से बचने के लिए आयुष काढ़ा का प्रयोग लाभकारी है तथा सर्दी व कोविड जैसे लक्षणों से बचने के लिए अणु तेल एवं षडबिंदु तेल का प्रयोग किया जाता है।
चिकित्सा शिविर में अनेक बीमारियों से बचाव के लिए औषधि के वितरण के साथ आयुष काढ़ा भी वितरित किया गया। इस दौरान सैकड़ों बाढ़ त्रासदी से पीड़ित ग्रामवासियों को चिकित्सक दल के परामर्श के बाद निशुल्क दवा दी गयी। बाढ़ राहत चिकित्सा शिविर जिला आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डॉ. कप्तान सिंह और चम्बल फाउंडेशन के संस्थापक शाह आलम के निर्देशन में सम्पन्न हुआ।