UP Politics: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार शाम को दिल्ली पहुंच रहे हैं। शनिवार को वह नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेंगे। साथ ही, कयास लगाए जा रहे हैं कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मिलकर उत्तर प्रदेश में खराब नतीजों पर अपना पक्ष रखेंगे। दिल्ली पहुंचने से पहले योगी आदित्यनाथ ने अहम फीडबैक जुटाया है। वह प्रदेश के करीब 200 मौजूदा और पूर्व विधायकों और सांसदों से मिल चुके हैं।
इसके अलावा उन्होंने विधान परिषद के कुछ सदस्यों से भी बात की है। इन सभी लोगों से सीएम योगी ने फीडबैक लिया है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी को इतनी कम सीटें क्यों मिलीं। उन्होंने प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों के विधायकों और सांसदों से मुलाकात की है। साथ ही, योगी आदित्यनाथ ने संगठन से जुड़े कुछ लोगों से भी बात की है।
लगातार कर रहे बैठकें
माना जा रहा है कि 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले योगी आदित्यनाथ ने मतदाताओं को साधने के लिए यह प्रयास किया है। वह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि संगठन और सरकार के बीच कोई मतभेद न हो और उपचुनाव में सभी एकजुट हों। योगी आदित्यनाथ लखनऊ स्थित अपने आवास पर लगातार बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों से अलग-अलग मुलाकात की और कुछ नेताओं के साथ सामूहिक बैठकें कीं।
यह भी पढ़ें: Delhi Metro में ठुमका लगाना अब पड़ेगा मंहगा.. आप भी मेट्रो में बनाते है रील्स तो जान लीजिए DMRC के नए नियम
सीएम ने लिया फीडबैक
सूत्रों का कहना है कि योगी ने विधायकों, सांसदों और नेताओं से पूछा कि 2024 के नतीजे 2022 के नतीजों के जैसे क्यों नहीं आए। उन्होंने यह भी पूछा कि किन कारणों से यह स्थिति बनी। बताया जाता है कि इन सांसदों के आधार पर फीडबैक रिपोर्ट तैयार की गई है। साथ ही भाजपा की एक कमेटी ने भी हार के कारणों पर रिपोर्ट सौंपी है। गौरतलब है कि 14 जुलाई को यूपी भाजपा की कार्यसमिति की बैठक हुई थी। इस बैठक में योगी आदित्यनाथ ने हार का कारण अति आत्मविश्वास बताया था। इस बीच डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने यह कहकर नई बहस छेड़ दी कि संगठन सरकार से बड़ा है, जिससे यह कयास लगने लगे कि भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं है।
केशव मौर्य और भूपेंद्र चौधरी आए थे दिल्ली
इस बैठक के बाद केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली आए और जेपी नड्डा से मुलाकात की। साथ ही प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। अब योगी दिल्ली आ रहे हैं। इससे यह अटकलें तेज हो गई हैं कि उत्तर प्रदेश को लेकर कुछ फैसले हो सकते हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि अध्यक्ष बदलने समेत कई संगठनात्मक बदलाव किए जा सकते हैं। खबर है कि भूपेंद्र चौधरी ने भी हार की जिम्मेदारी ली है।