Ghaziabad: वैशाली सेक्टर-5 निवासी रियल एस्टेट कारोबारी हरविंदर सिंह से एक दंपती ने एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण) के कब्जे वाले दो फ्लैट का सौदा कर पांच करोड़ रुपये ले लिए। रकम लेने के बाद भी अब तक रजिस्ट्री नहीं कराई गई। जब कारोबारी ने छानबीन की, तो पता चला कि जिन फ्लैटों का सौदा हुआ था, वे एनसीएलटी के अधीन हैं और असल मालिक भी कोई अन्य व्यक्ति है। मामले में कोर्ट के आदेश पर आरोपी दंपती नई दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर निवासी डॉ. बी. रामा स्वामी और उनकी पत्नी शशिकला पुष्पा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
संपर्क अधिकारी के घर हुई थी मुलाकात
एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि हरविंदर सिंह ने कोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की मांग की थी। याचिका में बताया गया कि फरवरी 2024 में उनकी मुलाकात अपने संपर्क अधिकारी अनिल राजवंशी के घर पर डॉ. बी. रामा स्वामी और उनकी पत्नी से हुई थी। इस दौरान दंपती ने सेक्टर-16 स्थित केएसएन स्क्वॉयर प्रोजेक्ट में बने दो फ्लैट को अपना बताकर बेचने की पेशकश की।
मार्च 2024 में दिया गया था पांच करोड़ रुपये
मार्च 2024 में रियल एस्टेट कारोबारी हरविंदर सिंह ने दोनों फ्लैट खरीदने के लिए दंपती को पांच करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया। आरोप है कि रकम लेने के बाद दंपती लगातार रजिस्ट्री कराने में टालमटोल करता रहा। जब कारोबारी ने खुद जांच की, तो पता चला कि दोनों फ्लैट एनसीएलटी के कब्जे में हैं, जिसके कारण उनकी रजिस्ट्री संभव नहीं है।
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कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा
जांच में यह भी सामने आया कि जिन फ्लैटों का सौदा किया गया था, वे असल में किसी और व्यक्ति की संपत्ति हैं। एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। पुलिस सभी तथ्यों की गहनता से जांच कर आगे की कार्रवाई करेगी।