Ghaziabad News: “अगर तुम क्रिकेट खेलना चाहते हो तो इसी तरह पैसे ट्रांसफर करते रहो, नहीं तो हम तुम्हारा भविष्य बर्बाद कर देंगे और तुम कभी भी जीवन में क्रिकेट नहीं खेल पाओगे।” ये शब्द हैदराबाद के एक शातिर व्यक्ति के हैं, जिसने एक युवा क्रिकेटर को टीम में चयन का झांसा देकर उससे 10 लाख रुपये ठग लिए। खुद को बीसीसीआई का अधिकारी बताने वाला यह व्यक्ति अब क्रिकेटर का फोन नहीं उठा रहा है। क्रिकेटर ने गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक थाने में जालसाज के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। पीड़ित ने पुलिस को ऑनलाइन ट्रांसफर किए गए पैसों का ब्योरा भी दिया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
युवा क्रिकेटर यश कुशवाह से ठगी
धोखाधड़ी का यह मामला क्रॉसिंग रिपब्लिक थाना क्षेत्र के शांति नगर निवासी युवा क्रिकेटर यश कुशवाह से जुड़ा है। जालसाज ने क्रिकेटर को क्रिकेट टीम में चयन का झांसा देकर 10 लाख रुपये ठग लिए। यश कुशवाह की मुलाकात हैदराबाद में चार साल पहले क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित दो दिवसीय क्रिकेट लीग में मेगा सिटी टीम के लिए खेलते समय हुई थी। खिलाड़ी ने मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा से की। कमिश्नर के आदेश के बाद क्रॉसिंग रिपब्लिक पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इन धाराओं के तहत दर्ज हुआ मामला
पुलिस को दिए गए बयान में क्रिकेटर ने बताया कि हैदराबाद के रेड्डी श्रीहरि अप्पारो के बेटे रेड्डी अप्पारो विश्वनाथ ने टीम में चयन और हैदराबाद के एक कॉलेज में एडमिशन का झांसा देकर उससे 10 लाख रुपये ऐंठ लिए। 22 वर्षीय क्रिकेटर यश कुशवाह की शिकायत के आधार पर क्रॉसिंग रिपब्लिक पुलिस ने रेड्डी अप्पारो विश्वनाथ के खिलाफ आईपीसी-1860 की धारा 420, 406, 467, 468 और 506 के तहत मामला दर्ज किया है।
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भारतीय, आईपीएल और रणजी टीम में चयन का झूठा वादा
यश कुशवाह ने खुलासा किया कि विश्वनाथ ने खुद को बीसीसीआई का अधिकारी बताया और उसे भारतीय क्रिकेट टीम, आईपीएल और रणजी टीम में चयन का झांसा दिया और विभिन्न बैंक खातों के माध्यम से करीब 10 लाख रुपये ठग लिए। इसके अलावा, चयन के बाद यश को सरकारी नौकरी दिलाने का वादा भी किया गया।
जानवी हिंदी कॉलेज में फर्जी दाखिला
पीड़ित ने आरोप लगाया कि सिकंदराबाद के जानवी हिंदी कॉलेज में दाखिला दिलाने के नाम पर उससे 40,000 रुपये ऐंठ लिए गए। विश्वनाथ ने क्रिकेटर को फर्जी आईडी कार्ड और एडमिशन रसीद भेजी। जब यश कुशवाह कॉलेज गए तो धोखाधड़ी का पता चला। उन्हें पता चला कि रसीद और आईडी कार्ड दोनों ही फर्जी थे, जिससे उन्हें धोखाधड़ी की हद का एहसास हुआ।
पांच खातों में ट्रांसफर की गई रकम
विश्वनाथ ने 10 लाख रुपये पांच खातों में ट्रांसफर किए। सबसे बड़ी रकम 6.16 लाख रुपये उसके अपने खाते में ट्रांसफर की गई। इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी ज्योति के खाते में 75 हजार रुपये, इस्माइल नामक खाते में 40 हजार रुपये, बेंजामिन थॉमस के खाते में दो लाख रुपये और मेसर्स स्पोर्ट्स वर्ल्ड नामक खाते में 50 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए।