Ghaziabad : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर और पुलिस के बीच एक विवाद हो गया, जब उन्होंने बिना पुलिस की अनुमति के एक कलश यात्रा का आयोजन किया। घटना लोनी बॉर्डर क्षेत्र की है, जहां नंद किशोर गुर्जर की ओर से राम कथा का आयोजन किया जा रहा था।
कलश यात्रा के दौरान पुलिस से हुआ विवाद
नंद किशोर गुर्जर ने राम कथा से पहले कलश यात्रा निकाली। इस (Ghaziabad) यात्रा में हजारों लोग, जिनमें महिलाएं और पुरुष शामिल थे, भाग ले रहे थे। यात्रा का नेतृत्व स्वयं विधायक नंद किशोर गुर्जर कर रहे थे। विधायक ने सिर पर रामचरित मानस रखकर यह कलश यात्रा निकाली। हालांकि, पुलिस ने इस यात्रा को बिना अनुमति के निकाले जाने पर रोकने की कोशिश की, जिससे दोनों के बीच विवाद और धक्का-मुक्की की स्थिति बन गई।
विधायक नंद किशोर गुर्जर ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी शराब के नशे में धुत थे और उन्होंने उन्हें पिस्टल से धमकाया। उन्होंने कहा, “यदि एसीपी और इंस्पेक्टर ने शराब नहीं पी थी तो मैं रिजाइन दे दूंगा। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उम्मीद है, क्योंकि उन्होंने श्रीराम के मंदिर का निर्माण किया है। विधायक ने यह आरोप भी लगाया कि उत्तर प्रदेश में अन्याय बढ़ चुका है और कलश यात्रा के दौरान महिलाओं के साथ जो हुआ, उस पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
पुलिस का पक्ष
पुलिस के अनुसार, 19 मार्च की रात को जानकारी मिली थी कि हितेश गुर्जर के नेतृत्व में 20 मार्च को गैर-परंपरागत जुलूस निकाला जाएगा। इस सूचना के आधार पर थाना प्रभारी लोनी बॉर्डर ने रात में ही हितेश गुर्जर और उनके समर्थकों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो पाई। 20 मार्च की सुबह जब बातचीत हुई, तो पुलिस ने विधायक नंद किशोर गुर्जर से यह कहा कि बिना अनुमति के यह यात्रा नहीं निकाली जा सकती। पुलिस ने उन्हें बताया कि इस यात्रा के लिए कोई आवेदन नहीं किया गया था और न ही कोई अनुमति ली गई थी। इसके बावजूद, नंद किशोर गुर्जर और उनके समर्थकों ने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की कर यात्रा निकाल दी।
आगे की कार्रवाई
पुलिस (Ghaziabad) ने इस घटना के बाद आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। विवाद बढ़ने के बाद पुलिस अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि बिना अनुमति के कोई भी यात्रा या जुलूस निकालना कानूनी नहीं है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।