Delhi News: दिल्ली में यमुना नदी की सफाई को लेकर बीजेपी सरकार ने कमर कस ली है। बीते कुछ दिनों से सफाई अभियान लगातार जारी है। इसी कड़ी में बुधवार (5 मार्च) को दिल्ली सरकार के मंत्री प्रवेश वर्मा ने यमुना सफाई अभियान का निरीक्षण किया और दावा किया कि अगले तीन साल में यमुना पूरी तरह से साफ हो जाएगी।
प्रवेश वर्मा ने बताया कि बीते 10 दिनों में 1300 मीट्रिक टन कचरा यमुना से निकाला जा चुका है। उन्होंने कहा कि यमुना में फेरी सेवा शुरू करने के लिए जल्द ही एमओयू साइन किया जाएगा। साथ ही इस सफाई अभियान पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीएमओ की नजर बनी हुई है। बुधवार को प्रवेश वर्मा ने सिग्नेचर ब्रिज से आईटीओ छठ घाट और ओखला बैराज तक सफाई कार्य का निरीक्षण किया।
क्या कहते हैं DPCC के आंकड़े?
एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, यमुना में गिरने वाले नालों की वजह से नदी का पानी पूरी तरह से काला हो चुका है। दिल्ली में आईटीओ बैराज के पास यमुना के पानी में भारी मात्रा में गंदगी पाई गई है। दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) के आंकड़ों के अनुसार, यमुना के 100 एमएल पानी में 6 लाख 90 हजार से अधिक फेकल कोलीफॉर्म (Fecal Coliform) यानी मल बैक्टीरिया मौजूद हैं, जबकि सुरक्षित स्तर सिर्फ 2500 होना चाहिए।
सिग्नेचर ब्रिज से आईटीओ और आईटीओ से निजामुद्दीन के बीच कई नाले सीधे यमुना में गिरते हैं, जिससे पानी का स्तर और अधिक प्रदूषित हो गया है। निजामुद्दीन ब्रिज के पास यमुना के 100 एमएल पानी में 4 लाख 61 हजार से अधिक फेकल कोलीफॉर्म पाए गए हैं।
अब यमुना में नहीं बनेगी बाढ़ जैसी स्थिति – प्रवेश वर्मा
बुधवार को मंत्री प्रवेश वर्मा ने 12 किलोमीटर तक यमुना सफाई अभियान का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय की। उन्होंने कहा कि अब कभी भी यमुना में बाढ़ जैसी स्थिति नहीं बनेगी। सरकार नए एसटीपी (Sewage Treatment Plant) बनाएगी और पुराने एसटीपी की क्षमता बढ़ाई जाएगी। साथ ही फैक्ट्रियों का कचरा सीईटीपी (Common Effluent Treatment Plant) से साफ किया जाएगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
यमुना प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण 22 गंदे नाले
एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में यमुना की गंदगी और बदबूदार पानी के पीछे सबसे बड़ा कारण 22 छोटे-बड़े नाले हैं, जो बिना साफ किए सीधे नदी में गिर रहे हैं। इनमें नजफगढ़ नाले का योगदान 70% है। प्रवेश वर्मा ने आश्वासन दिया कि जल्द ही सभी नालों को एसटीपी से जोड़ा जाएगा।
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37 में से 15 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तय मानकों पर खरे नहीं
DPCC की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार के 37 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) में से 15 प्लांट तय मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं और ट्रीटमेंट के बाद भी तय मात्रा से अधिक गंदगी यमुना में बहा रहे हैं। इसके अलावा, दिल्ली सरकार के दो प्लांट इस समय बंद पड़े हैं। एबीपी न्यूज के सवाल पर प्रवेश वर्मा ने कहा कि सरकार न सिर्फ एसटीपी की संख्या बढ़ाएगी, बल्कि उनकी गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान देगी।