Delhi News: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जेल से रिहा होने के बाद एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। कल पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद आज वह एक अहम बैठक करने वाले हैं। दरअसल, मनीष सिसोदिया ने कुछ ही महीनों में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव की कमान संभाल ली है। यह बैठक आज उनके आवास पर होगी, जिसमें पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। बैठक आज शाम 6 बजे निर्धारित है।
गौरतलब है कि अगले छह महीने में दिल्ली विधानसभा चुनाव होने हैं। आम आदमी पार्टी (आप) इसकी तैयारियों में जोर-शोर से जुटी नजर आ रही है। शनिवार को कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मनीष सिसोदिया ने उनसे अभी से तैयारी शुरू करने का आग्रह किया। आप दावा कर रही है कि इस विधानसभा चुनाव में भाजपा अपनी जमानत जब्त करा देगी। गोपाल राय ने कहा था कि मनीष सिसोदिया का जमानत पर रिहा होना आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के पतन की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया की जमानत इस बात का प्रतीक है कि चाहे कितना भी बड़ा अत्याचार क्यों न हो, अंततः उसे हारना ही पड़ता है और सत्य की हमेशा जीत होती है, भले ही इसमें समय लगे।
भाजपा को दी चुनौती
इस दौरान मनीष सिसोदिया ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि वे वोट के लिए भटकते रह जाएंगे और उन्हें आज से ही काम शुरू कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ आप की नहीं है, यह सत्य और देश को बचाने की लड़ाई है। उन्होंने आगे कहा कि यह देश को अत्याचार से बचाने की लड़ाई है। उन्होंने भाजपा पर न सिर्फ विपक्षी नेताओं को परेशान करने का आरोप लगाया बल्कि चंदे के बहाने बड़े-बड़े व्यापारियों को नोटिस भेजकर जेल भेजने का भी आरोप लगाया। अगर यह अत्याचार नहीं है तो क्या है? हमें इसके खिलाफ लड़ना होगा।
17 महीने बाद आए जेल से बाहर
मनीष सिसोदिया ने यह भी कहा कि दुनिया की बुरी ताकतें एक हो जाएं तो भी सत्य को नहीं हरा सकतीं। सत्य की जीत हुई है, भले ही इसमें 17 महीने लग गए, लेकिन आखिरकार सत्य की जीत हुई। उन्होंने कहा कि आज भी हमारे साथी अरविंद केजरीवाल झूठे आरोपों में जेल में हैं, लेकिन वे भी बाहर आएंगे। कल जो जीत मिली है, वह संविधान की ताकत की वजह से है- वही संविधान जो बाबा साहब ने 77 साल पहले लिखा था। मैं आज यहां उसी संविधान की ताकत की बदौलत खड़ा हूं। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही ाजपा के पास पार्टियों को तोड़ने के विशेषज्ञ हैं, लेकिन आप के नेता और कार्यकर्ता डटे हुए हैं। अब दुश्मन भी मानता है कि आप के सदस्य मजबूत हैं- वे 17 महीने जेल में रहने के बाद भी नहीं टूटे।