Delhi-NCR News: स्वास्थ्य मंत्रालय ने गंभीर धोखाधड़ी के आरोपों के चलते केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के तहत 19 अस्पतालों (एचसीओ) को निलंबित कर दिया है। इन संगठनों पर सिस्टम को धोखा देने के लिए फर्जी और धोखाधड़ी वाले बिल बनाने का आरोप है। इन एचसीओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई का विवरण देते हुए एक आधिकारिक आदेश जारी किया गया है।
एनसीआर के अस्पताल शामिल:
फरीदाबाद – संतोष मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, पवन अस्पताल
गाजियाबाद – नवीन अस्पताल, फ्लोर्स अस्पताल, मृदुला हेल्थ केयर, वसुंधरा अस्पताल, अटलांटा मेडिवर्ल्ड मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, जीवन ज्योति अस्पताल
नोएडा – प्रयाग अस्पताल और अनुसंधान केंद्र प्राइवेट लिमिटेड, शिवालिक मेडिकल सेंटर प्राइवेट लिमिटेड, भारद्वाज अस्पताल, सुरभि अस्पताल, दीपाक्षी नर्सिंग और मैटरनिटी होम प्राइवेट लिमिटेड, प्रकाश अस्पताल
दिल्ली – कॉसमॉस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, एपेक्स सिटी अस्पताल, डॉ. चौधरीज मोरल अस्पताल प्राइवेट लिमिटेड, मक्कर मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल
ग्रेटर नोएडा – शर्मा मेडिकेयर, काश्वी मल्टीस्पेशलिटी सेंटर।
सीजीएचएस सेवाएं:
सीजीएचएस के अंतर्गत सूचीबद्ध अस्पताल किसी भी सीजीएचएस सदस्य को आपातकालीन उपचार देने से मना नहीं कर सकते। यदि वे बिना किसी वैध कारण के ऐसा करते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वे मरीजों को भर्ती करने से मना भी नहीं कर सकते या उनके परिजनों से अग्रिम भुगतान की मांग नहीं कर सकते। ऐसा करते पाए जाने वाले किसी भी अस्पताल को तुरंत सीजीएचएस पैनल से हटा दिया जाएगा।
प्रारंभिक जांच और कार्रवाई
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और अधिकारियों को तत्काल निलंबन लागू करने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय द्वारा जारी एक कार्यालय ज्ञापन (ओएम) के अनुसार, इन संगठनों को सीजीएचएस पैनल से हटा दिया गया है, और उनका पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। इन सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा संगठनों पर सीजीएचएस लाभार्थियों को बार-बार भर्ती करके फर्जी बिल तैयार करने का आरोप है, जो सरासर धोखाधड़ी है।
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लाभार्थियों के लिए राहत
यह कार्रवाई उन लाखों लाभार्थियों के लिए राहत है जो सीजीएचएस योजना पर निर्भर हैं। इस धोखाधड़ी ने इन संस्थानों द्वारा लाभार्थियों को प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं पर संदेह पैदा कर दिया था।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सख्त कार्रवाई
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इस तरह की धोखाधड़ी किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि कोई अन्य संगठन इसी प्रकार की गतिविधियों में संलिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।