Delhi Chief Minister 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद राष्ट्रीय राजधानी में राजनीति का पारा चढ़ा हुआ है। बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत हासिल कर सत्ता में वापसी की है, लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि पार्टी दिल्ली की कमान किस नेता को सौंपेगी। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों से लेकर सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर कई नामों की चर्चा हो रही है। इनमें खासतौर पर महिला विधायकों और प्रवेश वर्मा का नाम प्रमुखता से उभरकर सामने आया है।
महिला विधायक को मिल सकता है मौका
बीजेपी ने पिछले कुछ वर्षों में कई राज्यों में मुख्यमंत्री पद के चयन में चौंकाने वाले फैसले लिए हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड जैसे राज्यों में पार्टी ने अप्रत्याशित चेहरों को आगे बढ़ाया है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि दिल्ली में भी बीजेपी इस परंपरा को जारी रखते हुए किसी महिला विधायक को मुख्यमंत्री बना सकती है।
इस बार दिल्ली विधानसभा में पांच महिलाएं निर्वाचित हुई हैं, जिनमें से चार बीजेपी के टिकट पर जीतकर आई हैं। इन महिला विधायकों में रेखा गुप्ता (शालीमार बाग), शिखा राय (ग्रेटर कैलाश), पूनम शर्मा (वजीरपुर) और नीलम पहलवान (नजफगढ़) के नाम शामिल हैं।
रेखा गुप्ता और नीलम पहलवान ने 29 हजार से ज्यादा वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की है, जिससे उनका दावा मजबूत माना जा रहा है।
शिखा राय की जीत भी काफी अहम है क्योंकि उन्होंने ग्रेटर कैलाश सीट से आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज को 3,188 वोटों के अंतर से हराया है।
वहीं, पूनम शर्मा ने वजीरपुर सीट से 11,425 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है।
प्रवेश वर्मा का नाम भी दौड़ में आगे
महिला विधायकों के नामों के साथ-साथ प्रवेश वर्मा का नाम भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है। प्रवेश वर्मा ने नई दिल्ली सीट से चुनाव जीतते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हराकर बड़ी राजनीतिक जीत दर्ज की है। इस जीत के बाद सोशल मीडिया पर प्रवेश वर्मा के समर्थन में माहौल बनता दिख रहा है।
इसके अलावा वरिष्ठ विधायक विजेंद्र गुप्ता और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी के नाम भी इस दौड़ में शामिल हैं। मनोज तिवारी पूर्वांचल वोट बैंक में मजबूत पकड़ रखते हैं, जो दिल्ली की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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क्या होंगे उप मुख्यमंत्री?
बीजेपी 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में लौट रही है और ऐसे में पार्टी जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने की पूरी कोशिश कर रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी दिल्ली में एक या दो उप मुख्यमंत्री बनाने पर भी विचार कर सकती है। इसमें दलित, महिला, पूर्वांचल, सिख-पंजाबी, और वैश्य समुदायों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सकता है।
मोदी-शाह की पसंद होगी निर्णायक
दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के चयन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की पसंद निर्णायक मानी जा रही है। यह तय है कि पार्टी का कोई भी फैसला उनके आशीर्वाद के बिना नहीं होगा। अब देखना दिलचस्प होगा कि मोदी-शाह की जोड़ी दिल्ली के ताज पर किस नेता को बैठाती है।