Waqf Bill in Lok Sabha : लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर चल रही बहस में मंगलवार को एक दिलचस्प घटनाक्रम सामने आया, जब समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तंज कसते हुए सवाल उठाया कि बीजेपी अब तक अपने पार्टी अध्यक्ष का चुनाव क्यों नहीं कर पाई।
अखिलेश यादव ने इस सवाल को मुस्कुराते हुए और चुटकी लेते हुए उठाया, जो सरकार को घेरने के उनके अंदाज को दर्शाता था। उनके इस बयान का उद्देश्य बीजेपी को कटाक्ष करना था, लेकिन जैसा कि यह भारतीय राजनीति का हिस्सा है, यह सवाल केवल एक राजनीतिक बयान से कहीं अधिक था – यह दोनों पक्षों के बीच के वैचारिक और राजनीतिक अंतर को भी उजागर करता था।
इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए कहा, “चूंकि अखिलेश जी ने मुस्कुराते हुए सवाल किया है, तो मैं भी उन्हें मुस्कुराते हुए ही जवाब देना चाहता हूं।” शाह ने आगे पार्टी अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया को लेकर अपनी बात रखते हुए कहा, “मैं समझाना चाहूंगा कि यहां जितनी भी पार्टियां बैठी हैं, उनमें अध्यक्ष का चयन परिवार के कुछ लोगों द्वारा ही किया जाता है। लेकिन हमारी पार्टी में लाखों कार्यकर्ताओं के बीच चुनाव प्रक्रिया होती है। आपके यहां तो परिवार के सदस्य ही अध्यक्ष चुनते हैं।
अखिलेश और शाह के बीच छिड़ी बहस
अमित शाह का यह जवाब भी काफी मज़ेदार था और उन्होंने इस अवसर पर अखिलेश यादव को एक चुटकी लेते हुए कहा, आपकी पार्टी में तो कोई भी अध्यक्ष बनने के लिए अगले 25 साल तक उसी पद पर बने रहेंगे।
गृह मंत्री के इस जवाब पर अखिलेश यादव भी मुस्कुराते हुए शाह का अभिवादन करते हुए बोले, “सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन अभी तक अपने अध्यक्ष को नहीं चुन पाई,” जिससे यह स्पष्ट था कि वे भी इस चर्चा में हल्का-फुल्का माहौल बनाए रखना चाहते थे।
इस मजाकिया संवाद (Waqf Bill in Lok Sabha) के दौरान दोनों नेताओं के बीच तकरार और हंसी-मजाक का अद्भुत मिश्रण देखा गया। शाह और अखिलेश यादव दोनों ही राजनीतिक माहौल में एक-दूसरे के तंज का जवाब देने के लिए मुस्कुराते हुए दिखाई दिए, जो संसद की बहस को हल्के-फुल्के तरीके से आगे बढ़ा रहा था। यह पल दिखाता है कि राजनीति में गंभीर मुद्दों के साथ-साथ ऐसे व्यंग्यात्मक टिप्पणियां भी आम हो चुकी हैं, जो दोनों दलों के नेताओं के बीच अद्भुत संवाद की स्थिति उत्पन्न करती हैं।