Waqf Amendment Bill : आज बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा होने की संभावना है, जिससे सरकार और विपक्ष के बीच एक नई टकराहट का सिलसिला शुरू हो सकता है। यह बिल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन में सुधार का प्रस्ताव करता है, लेकिन विपक्ष इसे असंवैधानिक और मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ बता रहा है। इस विधेयक पर चर्चा के लिए संसद में आठ-आठ घंटे का समय निर्धारित किया गया है, और राज्यसभा में गुरुवार को इसे लेकर बहस होने की उम्मीद है।
विरोधी दलों का आरोप और सरकार की रणनीति
विपक्ष, विशेष रूप से ‘इंडिया’ गठबंधन के सदस्य, इस बिल को संविधान विरोधी मानते हुए इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। असदुद्दीन ओवैसी जैसे प्रमुख नेता बिल को मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों पर हमला करार दे रहे हैं। ओवैसी का कहना है कि यह विधेयक मुसलमानों के अधिकारों को सीमित करने के उद्देश्य से लाया गया है।
लोकसभा में सरकार के पक्ष में राजग के 293 सांसद हैं, लेकिन कुछ सहयोगी दल जैसे तेदेपा और जदयू ने शुरुआत में इस विधेयक के कुछ पहलुओं पर आपत्ति जताई थी। हालांकि, संसद की संयुक्त समिति ने इन दलों की चिंताओं का समाधान करते हुए कुछ संशोधन किए हैं, जिससे इन दलों का समर्थन मिल सकता है।
कांग्रेस और विपक्षी दलों का रुख
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सरकार इस बिल को पारित कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है, लेकिन यह बिल मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन करेगा। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने लोकसभा कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में इस बिल पर चर्चा के लिए अधिक समय की मांग की थी, जबकि सरकार ने इसे आठ घंटे तक सीमित रखने पर जोर दिया था। विपक्ष ने 12 घंटे का समय आवंटित करने की मांग की थी ताकि वे इस मुद्दे पर पूरी तरह से बहस कर सकें।
केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू का बयान
केंद्रीय अल्पसंख्यक और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति ने इस बिल पर आठ घंटे चर्चा करने की सहमति दी है। उन्होंने कहा कि यह समय संसद की भावना के अनुरूप बढ़ाया जा सकता है।
कठिनाइयां और संभावित समाधान
विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार की इस बैठक में उनकी आवाज दबाने की कोशिश की गई, जिससे बैठक से कुछ नेता बाहर निकल गए। हालांकि, सरकार के पास लोकसभा में बहुमत है, और यह संभावना जताई जा रही है कि विधेयक को पारित कर लिया जाएगा।
अल्पसंख्यक संगठनों का रुख
विपक्ष द्वारा (Waqf Amendment Bill) इस बिल को मुस्लिम विरोधी बताते हुए इसका विरोध किया जा रहा है, वहीं कुछ अल्पसंख्यक संगठन, जैसे कि कैथलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया, ने इस विधेयक का समर्थन किया है। यह विधेयक भारतीय वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार के लिए लाया गया है, जिसे लेकर सरकार ने कुछ संशोधन किए हैं।