दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ISIS संगठन से जुड़े एक प्रमुख आतंकवादी रिजवान को सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने पहले उसकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 3 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी। रिजवान राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की वांछित सूची में था और दिल्ली के दरियागंज इलाके में रह रहा था।
कई साथियों की पहले से हो चुकी है गिरफ़्तारी
रिजवान की पहचान पुणे ISIS मॉड्यूल के सबसे खतरनाक सदस्यों में से एक के रूप में की गई है। यह समूह पिछले कुछ समय से जांच के दायरे में है और इसके कई सदस्यों को पुणे पुलिस और NIA दोनों ने पहले ही हिरासत में ले लिया है। इसके बावजूद, रिजवान लंबे समय तक गिरफ्तारी से बचने में कामयाब रहा, जिससे वह कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए उच्च प्राथमिकता वाला लक्ष्य बन गया। पुणे ISIS मॉड्यूल दिल्ली और मुंबई सहि प्रमुख शहरों में विभिन्न हाई-प्रोफाइल स्थानों पर हमलों की योजना बनाने और निगरानी करने में शामिल होने के लिए कुख्यात है।
ISIS से है रिजवान का तालुक
रिजवान की गिरफ्तारी भारत में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। उसके पकड़े जाने से पुणे मॉड्यूल के संचालन और योजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है। एनआईए उसकी गहन तलाश कर रही थी, और उसकी गिरफ्तारी से आईएसआईएस से संबंधित गतिविधियों और इस आतंकवादी समूह द्वारा उत्पन्न संभावित खतरों की जांच में तेजी आने की संभावना है।
15 अगस्त से पहले दिल्ली पुलिस को मिली है सफलता
रिजवान की गिरफ्तारी न केवल दिल्ली पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि आईएसआईएस से जुड़े आतंकवादी नेटवर्क से निपटने और उसे खत्म करने के लिए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के चल रहे प्रयासों को भी रेखांकित करती है। ऐसे हाई-प्रोफाइल आतंकवादी की गिरफ्तारी से पुणे मॉड्यूल की परिचालन क्षमताओं को बाधित करने और संभावित रूप से भविष्य के हमलों को रोकने की उम्मीद है। यह आतंकवाद को संबोधित करने और उसका मुकाबला करने में विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वित प्रयासों की प्रभावशीलता को भी उजागर करता है।