नई दिल्ली। बिहार में शिक्षा का स्तर जब तब पूरे देश में मजाक का विषय बन जाता है। कॉलेज में छात्रों तो छोड़िए शिक्षकों का स्तर भी गया गुजरा साबित होता है। कुछ ही वक्त पहले बिहार बोर्ड की टॉपर के सामान्य ज्ञान ने पूरे राज्य का मजाक बना कर रख दिया था। हालांकि पूरे देश में सबसे ज्यादा आईएएस अधिकारी भी इसी राज्य से निकलते हैं, मगर फिर भी कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती में गंभीर धांधली सामने आती रहती हैं। ऐसी ही एक घटना में जीरो स्कोर करने के बाद भी असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयन का संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर के बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिए हैं।
पटना हाईकोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए मुजफ्फरपुर स्थित बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर, रजिस्ट्रार, सीसीडीसी, नोडल ऑफिसर व प्रॉक्टर को नोटिस जारी कर 13 दिसंबर तक जवाब तलब किया है। चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस एएम बदर की खंडपीठ ने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय द्वारा लिये गए प्री-पीएचडी टेस्ट को रद्द करने को लेकर कंचन कुमार व अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि मुजफ्फरपुर स्थित बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय में प्री-पीएचडी के टेस्ट के संचालन में गंभीर अनियमितताएं बरती गई है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा दो सितंबर, 2021 को घोषित प्री- पीएचडी टेस्ट के रिजल्ट को रद्द करने का आग्रह कोर्ट से करते हुए कहा कि ज़ीरो नंबर लाने वाली प्रियंका कुमारी को अस्सिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयन किया गया है। इस बात की जानकारी चयन की गई प्रियंका कुमारी के दस्तावेज को देखने के बाद की जा सकती है।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि वह इस मामले में 25 अगस्त, 2021 को हुए टेस्ट को रद्द कर इस मामले से जुड़े रिकॉर्ड की मांग कर इसकी वैधता व इसके औचित्य की जांच अगर करेगा टी सच्चाई का पता चल जाएगा। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर और रजिस्ट्रार के कार्य करने की पद्धति व वित्तीय अनियमितता की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी या लोकायुक्त से कराने का निर्देश दिया जाय ताकि सच्चाई सामने आ सके। इस मामले में फिर 13 दिसंबर को सुनवाई की जाएगी।