नई दिल्ली। पंचकूला की विशेष अदालत ने आखिरकार राम रहीम समेत पांचों आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। सीबीआई की विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को रणजीत सिंह की हत्या के आरोप पर सजा सुनाई।
2002 में रणजीत सिंह की हत्या के लिए डेरा प्रमुख राम रहीम समेत पांच लोगों को नामजद किया गया था। पंचकूला में सोमवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। रणजीत सिंह खुद राम रहीम के समर्थक थे मगर 10 जुलाई 2002 को उनकी हत्या कर दी गई थी। सजा सुनाते वक्त संवेदनशीलता को देखते हुए पूरे जिले में धारा 144 लगाई गई है। पांच से ज्यादा लोगों के एकसाथ एकत्र होने से लेकर धारदार हथियार लेकर चलने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। सारे वक्त सीबीआई कोर्ट परिसर और चारों प्रवेशद्वार पर आईटीबीपी की चार टुकड़ियां तैनात रही।
राम रहीम सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर दिखा
बीते हादसों के मद्देनजर राम रहीम की पेशी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए करवाया गया था। फिलहाल डेरा प्रमुख और बाकी आरोपियों को रोहतक की सुनारिया जेल में रखा गया है। बाकी के चारों दोषियों को अंबाला जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच पंचकूला कोर्ट लाया गया। पंचकूला में सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरमीत राम रहीम सिंह और पांच अन्य सह-आरोपियों को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया है। गुरमीत राम रहीम सिंह अपनी दो महिला शिष्यों के साथ अपने ‘आश्रम’ में बलात्कार के आरोप में 20 साल की जेल की सजा काट रहा है। उसे अगस्त 2017 में पंचकूला में सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी ठहराया था।