Noida: ठंड के मौसम में घने कोहरे और धुंध के कारण यमुना एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। बुधवार रात टप्पल में हुए बड़े सड़क हादसे के बाद यमुना प्राधिकरण वाहन चालकों की रफ्तार सीमित करने पर विचार कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, प्राधिकरण हल्के वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा 75 किमी प्रति घंटा और भारी वाहनों के लिए 60 किमी प्रति घंटा तय करने की योजना बना रहा है।
नए नियम के तहत यदि कोई वाहन निर्धारित गति सीमा का उल्लंघन करता है तो उसका चालान किया जाएगा। यह नियम जल्द ही लागू किया जा सकता है।
घने कोहरे में हादसे की वजह से उठाया कदम
यमुना एक्सप्रेसवे की 160 किमी लंबी सड़क दिल्ली-एनसीआर से आगरा, मथुरा, अलीगढ़, कानपुर और लखनऊ जैसे शहरों को जोड़ती है। ठंड के मौसम में ग्रीन फील्ड सड़क को धुंध और कोहरे की मोटी परत ढक लेती है, जिससे दृश्यता कम हो जाती है और हादसे की संभावना बढ़ जाती है।
गुरुवार देर रात टप्पल में हुए भीषण सड़क हादसे के बाद यह फैसला और भी जरूरी हो गया। पिछले कुछ वर्षों से प्राधिकरण ठंड के मौसम में वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए विशेष कदम उठा रहा है। इस साल भी जल्द ही नियम लागू होने की उम्मीद है।
रफ्तार पर पहले भी लगे हैं ब्रेक
यमुना एक्सप्रेसवे पर तेज रफ्तार के कारण कई बड़े हादसे हो चुके हैं। वर्ष 2012 में एक्सप्रेसवे पर परिचालन की शुरुआत के समय हल्के वाहनों की अधिकतम गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा थी। 2016-17 में इसे घटाकर हल्के वाहनों के लिए 100 किमी प्रति घंटा और भारी वाहनों के लिए 80 किमी प्रति घंटा कर दिया गया।
ये भी पढें..
New Delhi: 25 नवंबर से शुरू होगा संसद का शीतकालीन सत्र, वक्फ बिल समेत कई अहम मुद्दों पर होगा मंथन
तेज रफ्तार से चलने वाले वाहनों के चालान का प्रावधान पहले से लागू है, लेकिन ठंड के मौसम में कोहरे की वजह से दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए हर साल गति सीमा और सख्त कर दी जाती है।