Noida: नोएडा फेज 1 कोतवाली पुलिस ने एक अनोखी और बड़ी कार्रवाई में दो महिला तस्करों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से दुर्लभ प्रजाति के 14 कछुए बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार की गई दोनों महिलाएं मथुरा की निवासी हैं, जिन्होंने यमुना नदी से इन कछुओं को पकड़कर तस्करी के लिए नोएडा का रुख किया था। पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि इन कछुओं का मांस फाइव स्टार होटलों में परोसे जाने वाले सूप और अन्य डिशों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, कछुओं के ऊपरी खोल से दवाइयां भी बनाई जाती हैं।
फाइव स्टार होटलों में परोसा जाता है कछुओं का सूप
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पकड़े गए कछुओं की दुर्लभ प्रजाति का मांस बड़े फाइव स्टार होटलों के मेन्यू का हिस्सा बनता है। यहां कछुओं का सूप एक महंगी और खास डिश के रूप में परोसा जाता है, जिसे अमीर वर्ग के लोग बड़े चाव से खाते हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि ये कछुए संरक्षित प्रजातियों में आते हैं और उनकी तस्करी करना एक गंभीर अपराध है।
पश्चिम बंगाल तक फैला है तस्करी का जाल
यह मामला सिर्फ नोएडा या मथुरा तक ही सीमित नहीं है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश से कछुओं की तस्करी कर पश्चिम बंगाल पहुंचाया जाता है, जहां इनका मांस ऊंची कीमतों पर बेचा जाता है। पश्चिम बंगाल में कछुए का मांस खाने का प्रचलन काफी अधिक है, और वहां इसके लिए लोग बड़ी कीमत चुकाने को तैयार रहते हैं।
गिरफ्तार महिलाएं कछुओं को पश्चिम बंगाल भेजने की फिराक में थीं
गिरफ्तार महिलाओं ने पुलिस पूछताछ में यह स्वीकार किया है कि वे कछुओं को पश्चिम बंगाल भेजने की योजना बना रही थीं। पुलिस ने इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और तस्करी के इस बड़े रैकेट की गहन जांच शुरू कर दी है। पुलिस और वन विभाग अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गए हैं।
वन्यजीव संरक्षण पर बड़ा खतरा
यह मामला वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है, क्योंकि दुर्लभ प्रजातियों के कछुओं की तस्करी से न केवल उनकी संख्या में गिरावट आ रही है, बल्कि यह पर्यावरणीय संतुलन के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। वन विभाग ने कहा है कि इस तरह की तस्करी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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कछुओं की तस्करी पर लगाम जरूरी
कछुओं की तस्करी वन्यजीवों के प्रति संवेदनशीलता और संरक्षण के प्रयासों को चुनौती दे रही है। अधिकारियों का मानना है कि इस गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचने के लिए विशेष टीम गठित की जाएगी, ताकि इस अवैध तस्करी के नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त किया जा सके।