Noida: डीएमआई फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड और स्टेलर ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ 52 करोड़ रुपये के गबन और फर्जी दस्तावेज बनाने के मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है। यह मामला अभि कंप्यूसॉफ्ट प्राइवेट लिमिटेड की शिकायत पर दर्ज हुआ था, जिसमें इन कंपनियों पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था। पुलिस द्वारा की गई जांच के बाद इस मामले में चार्जशीट दाखिल की गई, और अब अदालत से जल्द ही फैसला आने की उम्मीद है।
55 करोड़ रुपये किए थे अलॉट, 52 करोड़ का गबन
2018 में डीएमआई फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड ने एक प्रोजेक्ट के डेवलपमेंट के लिए 55 करोड़ रुपये अलॉट किए थे, जिसका इस्तेमाल केवल प्रोजेक्ट के लिए होना था। लेकिन डीएमआई फाइनेंस लिमिटेड और स्टेलर ग्रुप की कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने इस राशि का दुरुपयोग कर अपने निजी कर्जों का भुगतान किया। इसके तहत 52 करोड़ रुपये का गबन किया गया, जो समझौते के शर्तों का स्पष्ट उल्लंघन था।
सूत्रों के अनुसार, डीएमआई ग्रुप द्वारा 33 करोड़ रुपये एक कंपनी को जारी किए गए, फिर इस राशि को दूसरी कंपनी में ट्रांसफर कर दिया गया। इसके बाद इस पैसे का इस्तेमाल डीएमआई ग्रुप के अपने लोन चुकाने में किया गया।
फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर की गई धोखाधड़ी
मामले में यह भी सामने आया है कि डीएमआई फाइनेंस और स्टेलर ग्रुप ने इस गबन को अंजाम देने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। इस धोखाधड़ी में डीएमआई फाइनेंस के अधिकारी युवराज सिंह, शिवाशीष चटर्जी, विवेक गुप्ता और पुनिंदर भाटिया सहित स्टेलर ग्रुप के रवि मोहन सेठी और अक्षय सेठी की भूमिका बताई जा रही है।
अभि कंप्यूसॉफ्ट प्राइवेट लिमिटेड ने इस अनियमितता का पता चलने पर थाना सेक्टर-113 में केस दर्ज कराया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने जांच के आदेश दिए, जिसके बाद पुलिस ने कई अनियमितताओं की शिकायत दर्ज की। डीएमआई फाइनेंस और स्टेलर ग्रुप पर वित्तीय धोखाधड़ी और धन के दुरुपयोग का आरोप भी लगाया गया है।
अभि कंप्यूसॉफ्ट का बयान
अभि कंप्यूसॉफ्ट प्राइवेट लिमिटेड के प्रवक्ता ने कहा, “हम इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। यह मामला एक बड़े वित्तीय घोटाले की ओर इशारा करता है और इसमें शामिल सभी पक्षों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”
ये भी पढ़ें..
Noida: एनसीआर में फिर बदला मौसम: तेज बारिश से लोगों को मिली राहत, जलभराव से परेशानी बढ़ी
आरोपियों की तरफ से नहीं आया बयान
इस मामले को लेकर डीएमआई फाइनेंस लिमिटेड और स्टेलर ग्रुप के प्रवक्ताओं से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है।