Noida: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अचानक बंद हुए प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान FIITJEE के खिलाफ पुलिस ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थाना पुलिस और साइबर क्राइम टीम ने FIITJEE के 12 बैंक खातों में जमा करीब 11 करोड़ 11 लाख रुपये फ्रीज कर दिए हैं।
बैंक खातों पर शिकंजा
नोएडा पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के निर्देश पर नॉलेज पार्क थाना पुलिस और साइबर क्राइम ग्रेटर नोएडा ने बीएनएस की धारा 318(4) और 316(2) के तहत FIITJEE के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान पुलिस को FIITJEE के मालिक दिनेश गोयल के पैन कार्ड से जुड़े 172 करेंट अकाउंट और 12 सेविंग अकाउंट की जानकारी मिली।
अब तक पुलिस को 12 बैंक खातों का ब्योरा मिला है, जिनमें ₹11,11,12,987 जमा हैं। ये रकम थाना नॉलेज पार्क और साइबर क्राइम टीम ने फ्रीज करा दी है। पुलिस के अनुसार, अन्य बैंक खातों की जानकारी जुटाई जा रही है और जल्द ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
380 खातों पर लेन-देन रोकने के लिए पुलिस का पत्र
नोएडा पुलिस ने FIITJEE से जुड़े 380 बैंक खातों का पता लगाया है। पुलिस ने बैंकों को पत्र लिखकर इन खातों में लेन-देन रोकने का अनुरोध किया है। 4 फरवरी को एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सतसंग कुमार और मनोज कुमार की शिकायत पर नोएडा के सेक्टर-58 और ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थाना में FIITJEE के मालिक डीके गोयल, चीफ फाइनेंस ऑफिसर (CFO) राजीव बब्बर, चीफ ऑपरेशनल ऑफिसर (COO) मनीष आनंद और ग्रेटर नोएडा ब्रांच हेड रमेश बटलेश समेत 12 लोगों के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे।
इसके अलावा, गाजियाबाद के कवि नगर थाने में भी जिला विद्यालय निरीक्षक धर्मेंद्र शर्मा की शिकायत पर एक और मामला दर्ज हुआ था।
नौ लोगों को नोटिस, लेकिन कोई बयान देने नहीं आया
पुलिस उपायुक्त (नोएडा) रामबदन सिंह ने बताया कि शिक्षण संस्थान से जुड़े 380 बैंक खातों का पता चला है, जिनमें से तीन निजी बैंकों के पांच खातों में 60 लाख रुपये जमा हैं। बैंकों को पत्र भेजकर इन खातों में लेन-देन रोकने का निर्देश दिया गया है।
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FIITJEE के खिलाफ चल रही जांच के तहत सेक्टर-58 पुलिस ने मालिक डीके गोयल समेत नौ लोगों को नोटिस भेजा था, लेकिन केवल एक पूर्व कर्मचारी ने ही अपना बयान दर्ज कराया।
FIITJEE के अचानक बंद होने से छात्रों और शिक्षकों में हड़कंप
गौरतलब है कि पिछले महीने दिल्ली-एनसीआर में FIITJEE के कई सेंटर अचानक बंद हो गए थे। इससे हजारों छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया। संस्थान में काम करने वाले कई शिक्षकों ने महीनों से वेतन नहीं मिलने के कारण इस्तीफा दे दिया। अब पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और FIITJEE से जुड़े अन्य वित्तीय लेन-देन की भी जांच जारी है।