नई दिल्ली। कोरोना काल में बन्द सिद्धार्थनगर जिले का भारत नेपाल बॉर्डर आज डेढ़ साल बाद दोबारा दोनों मुल्कों के लोगों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया हैं। आधिकारिक तौर से बॉर्डर खुलने के बाद भारत नेपाल दोनों तरफ के लोगों में काफी खुशी है। दोनों तरफ के व्यापारियों को उम्मीद है कि बॉर्डर खुलने के बाद दोनों तरफ के व्यापार में तेजी आएगी।
कोरोना के बढ़ते हाहाकार के बीच पिछले साल 23 मार्च को भारत नेपाल की सीमा पूरी तरह सील कर दी गई थी। सिद्धार्थनगर ज़िले की 168 किलोमीटर की भारत नेपाल सीमा पर भी आवाजाही को लेकर पूरी तरह पाबंदी थी। हालांकि भारत नेपाल की सीमा पूरी तरह खुली है लोग पगडंडियों के सहारे कही से भी आवाजाही करते रहते है। लेकिन ज़िले में आधिकारिक तौर पर तीन चेकपोस्ट हैं। बढ़नी, खुनुवा और ककरहवा में बनाए गए इन चेकपोस्टों पर कस्टम सहित सभी विभागों के कार्यालय हैं। वाहनों की आवाजाही इन्हें रास्तों से होती है। करीब डेढ़ साल से आवाजाही के ये रास्ते पूरी तरह बंद थे।
आज इन तीनो चेकपोस्टों को आधिकारिक तौर पर खोल दिया गया है। आज से भारत नेपाल की सीमा खुलने को जानकारी होने पर भारत और नेपाल के उत्साहित नागरिक और व्यापारी सीमा पर भारी संख्या में इकठ्ठा हो गए और ढ़ोल नगारे बजाकर अपनी खुशी का इज़हार किया। इस मौके पर दोनों मुल्कों की बॉर्डर फ़ोर्स भी मौजूद रही। लोगो ने अपने हाथों में भारत और नेपाल के झंडे भी ले रख्खे थे।
दोनों तरफ की सीमाओं पर स्थित व्यापारियों की दुकाने पर बिना रोक टोक भारत के लोग नेपाल और नेपाल के लोग भारत आकर जरूरत की चीजों की खरीददारी करते हैं। नेपाल के लोग भारत मे चिकित्सा के लिए बड़ी तादाद में आते है, और नेपाल में भारत के लोग पर्यटन के लिए बड़ी संख्या में जाते है।दोनों तरफ की रिश्तेदारी भी बड़े पैमाने पर है।ऐसे में बॉर्डर खुलने से दोनों मुल्को के आम लोग और व्यापारी काफी खुश है। दोनों मुल्कों के लोगो का कहना है की आज से सीमा खुलने से दोनों तरफ के कई महीनों से बंद व्यापार में काफी तेजी आएगी साथ ही लोग पहले की तरह अपनो से बे रोक टोक मिल सकेंगे।